QUOTES ON #श्रद्धांजलि

#श्रद्धांजलि quotes

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16 AUG 2018 AT 18:26

If poets can be national leaders,
poets can be startup leaders too.

Thanks for instilling the faith, Atal ji.

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15 MAY 2018 AT 23:13

कहीं टूटा पुल, कहीं दरकती दीवार देगी
नाम पर तरक़्क़ी के यही सरकार देगी।

मैं बच भी जाऊँगा गर खुदकुशी से
हुक़ूमत किसी हादसे में मार देगी ।।

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15 FEB 2019 AT 10:11

हम तो सिर्फ़ बातें करते हैं,
अपने "valentine" के लिये "जान" देने की l

हमारे जवानों नें अपनी "महबूबा" के लिये,,
"जान सच में दे दी" ll

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15 FEB 2019 AT 9:30

जिनके सिंहनाद से सहमी धरती
रही अभी तक डोल
कलम, आज उनकी जय बोल

जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर
लिए बिना गर्दन का मोल
कलम, आज उनकी जय बोल

जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन
माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल
कलम, आज उनकी जय बोल

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16 FEB 2019 AT 14:04

मां के आंचल में रहते हुए वो बेटा चलना सिख गया
हाथ में लेकर बंदूक वो बेटा लढ़ना सिख गया
सर पर बांधकर कफ़न वो बेटा मरना सिख गया
तिरंगे में लिपटकर वो बेटा देश के लिए शहिद होना सिख गया !

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15 FEB 2019 AT 1:55

प्रेम में मरते तो बहुतों को देखा होगा,
पर प्रेम में शहीद कुछ जाँबाज़ ही होते हैं

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तिरंगे के साथ हम निकल पडे आज हिंदुस्थान की आज़ादी के लिये,
दुश्मनो को खत्म कर के हम चले इस देश का भ्रष्टचार मिटाने के लिये,

तिरंगा लेकर हम साथ चल पडे आज़ाद हिंदुस्थान का नारा लगाने,
दुश्मानो को हमने घसीटकर निकाला इस जहाँ के मान के लिये,

तिरंगे के साथ हम निकल पडे डिजिटल इंडिया को नया देश बनाने के लिय,
साक्षर भारत हमारा सपना था हम निकले भारत को मुक्त करने,

तिरंगे के साथ हम निकल पडे इस देश पर होने वाले अत्याचार मिटाने के लिए,
कभी सोचा नही था यारो इस मिट्टी में हम लगायेंगे देश के नारे,

तिरंगे के साथ हम निकल पडे भारत का नाम रौशन करने,
कभी मत भुलना यारो इस देश के जवानो के बलिदान को.

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16 AUG 2018 AT 20:29

साहित्य के वो सतत पुजारी यूँ मुँह मोड़कर चले गए ,
सारे प्रयास बेकार हुए , वो प्राण छोड़कर चले गए ।
जीवन पूरा ही किया समर्पित मातृभूमि की सेवा में ,
हमसे तो दिल का गठबंधन वो आज तोड़कर चले गए ।

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9 MAR 2019 AT 18:07

अभी कुछ देर पहले रोली अभिलाषा के मरने की ख़बर मिली. बहुत भली थी...इतनी कम उम्र में विधाता ने उसे सबसे छीन लिया. बीमार भी नहीं थी पर मौत पर किसका जोर चलता.
उसके पापा से बात हुई पता चला दिन भर मोबाइल पर लगी रहती थी. ऐसा भी सुनने में आया किसी बाबा के चक्कर में पड़ी रहती थी. जो लिखने को कहते थे वही लिखती थी.
भगवान उसकी आत्मा को योर कोट दे!

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19 JUN 2020 AT 6:57

भुला नहीं सकेंगे हम, अपनें वीरों के बलिदानों को।
उनके परिवार के रुदन को, बच्चों के अरमानों को।

बहुत हुआ शांति-समझौता, इनको अब सबक सिखाना होगा।
पीठ पर जो मारा है खंजर, इनको भी आंख दिखाना होगा।

प्रतिशोध की भड़की है जो, ज्वाला अब यूँ अटल कर दो।
मसला अक्साई चीन-लद्दाख का, लगे हाथ ही हल कर दो।

गलवान घाटी में करके हमला, कब्र तुमने खोदी है।
चीन सुन बैठा है जो दिल्ली में, बाप तुम्हारा मोदी है।

छक्के छुड़ा दिये पाक के, कुछ वैसे ही तालीम पे हो।
मोदी जी बस यही गुज़ारिश, अगली स्ट्राइक चीन पे हो।

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