QUOTES ON #शिखा

#शिखा quotes

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1 OCT 2020 AT 14:41

मर रही है पग-पग पर इंसानियत, पर वो इंसान जिंदा है।
जिस्म को नोच खाने वाले , शैतान अभी जिंदा है।
रोज एक लुटती है द्रोपती की आबरू
आज भी पापी दुशासन जिंदा है।

घूम रहे हैं हैवान बेफिक्र होकर
क्योंकि प्रशासन,सरकार ये सब की
कानून भी तो अंधा है।

कब तक आस लगाओगी
गिरे हुए सरकारों से,बिके हुए अखबारों से
कैसी रक्षा मांग रही हो,दुशासन के दरबारों से ।

सुनो द्रोपतीयो सस्त्र उठा लो
अब कोई कृष्णा न आएगा ।

छोड़ो मेहंदी तलवार उठा लो
खुद की चीर खुद बचा लो
तुझ में अभी भी दुर्गा अवतार
जिंदा है........🙏

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13 JUN 2021 AT 20:45

खफा हो मुझसे बड़ी दूर हो आजकल।

और तुम्हें क्या बताऊं ।

क्या चल रहा है आजकल ।

लहजा भी कभी सिखा था इश्क मैं तेरे ।

और क्या सीखे तुम बताओ।

स्कूल बंद है आजकल ।



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25 JUL 2021 AT 0:39

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30 AUG 2021 AT 10:01

सुंदर से वन में गोपियों के संग में
संगीत का ऐसा जाल बिछा दिया
मनमोहन ने मन को ऐसे मोह लिया
राधा के स्वर में कृष्ण का नाम पिरो लिया

मैं राधा हूं मधुबन की मोर
कान्हा है इस वन के चितचोर
प्रीति दे गया मेरे मन में
प्राण ले गया अपने संग में

सज्जन नयन राह है देखें
कान्हा आए ना मधुबन में
माखन मटकी में रखूं
की कान्हा आएगा
मेरी पथराई अखियन को
चंचल छवि दिखाएगा

छोड़ दिया जब से मधुबन को मोहन
कोयल ने भी अपनी कुक भूलाई है
गाऊन भी ना कब से रमभाई है
ना ही सावन रिमझिमआई है
ये कैसा घनघोर मौसम छाई है
राधा के मन में कृष्ण समाई है।

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8 MAR 2021 AT 9:38

एक नारी बिखर कर खुद अपने हालात पर
ये सवाल करती है???
सब ने कहा है नारी आज की शक्ति है
तो फिर क्यों नहीं नारी आज भी सुरक्षित है।
क्यों आज भी नारी अंधेरों से अकेले लड़ती है
हर दर्द को चुपचाप सहती है।

फिर भी दुनिया कहती है इसमें क्या नई बात है
यह तो दुनिया का उसूल है नारी होना ही ईक कसूर है।

कहते हैं सब पुरुष और नारी में अब कोई भेद नहीं
नारी को आगे बढ़ने में किसी को अब परहेज नहीं
पर क्या यह सच्चाई है ??

तो क्यों नारी के इज्जतो से ही खेल मर्दगानी दिखाते है।
हर अखबार की सुर्खियों में नारी की ही वजूद पर सवाल आते है।

आज भी बेटियों को बोझ मानी जाती है।
दहेज के नाम पर आज भी बहुएं जलाई जाती है।

पर ये दुनिया वाले भूल क्यों जाते हैं !!
नारी से ही यह ब्रह्मांड की सृष्टि है जो हर एक रिश्तो के डोर से बंधी है।

खुद के गमों को मुस्कुराकर सह जाती है।
अपनों की खुशीयो के लिए कभी सीता तो कभी काली, दुर्गा भी बन जाती है।
फिर भी नारी का स्वाभिमान आज भी थोड़ी जाती है।

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आँख उसकी भी भर आई होगी,
जब मेरी झूठी कसम खाई होगी ।

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11 JUN 2018 AT 20:15

चाहत तो हूं ही मुझे तुम बुलाओ
रोक लो जाने से, मुझे ना भुलाओ
प्यार करता हूं तुम्हे भी पता है...
अहम में आके, मुझे ना तड़पाओ

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17 JAN 2021 AT 10:20

एक अटूट संगम है
मन का विश्वास है
इसमें एक अलग ही
एहसास है....🤗

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8 JAN 2021 AT 19:08

कलम से कहानी तक का
ये सफर है.....।

दुनिया की हकीकत से
शिखा तू क्यू बेखबर है....।

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पूरे प्यार की अधूरी ख्वाहिशें
(Read in caption )
शिखा जैन

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