हया है, लाज है, शर्माना है, फिर भी कुछ बाकी है,
होने को तो है सब पर तेरी नजरें झुकना बाकी है!
गिला है, शिकवा है, शिकायत है, गुस्सा है, चुप है,
मुस्कुराने को है वो तैयार, पर उसे मनाना बाकी है!
महक है, लहक है, खुशबू है, सुगंध है, कस्तूरी है,
संभल के रहना तुम, अभी मेरा बहकना बाकी है!
नजाकत है, लियाकत है, सदाकत है, इबादत है,
सबकुछ तो अपना लिया पर तुमसा होना बाकी है!
मेहंदी है, बिंदिया है, पायल है, कंगन है, काजल है,
पर तेरी मांग में अभी, मेरा सिंदूर सजाना बाकी है!
गाथा है, कथा है, किस्सा है, कहानी है, किताब है,
करेगी दुनियां याद, हमारा इतिहास होना बाकी है!
मनमोहिनी है, राधा है, रुक्मणि है, मीरा है, सखी है,
पर एक तो कमी है "राज" तेरा कृष्ण होना बाकी है! _राज सोनी
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