Supriya Mishra 6 AUG 2017 AT 1:17 Paid Content - Sandeep Vyas 27 MAY 2020 AT 7:45 लाख सुना हो तू ने की हम पत्थर दिल हैं सनमघड़ी भर को आगोश में आने दे, पिघल जाएंगे - Supriya Mishra 21 AUG 2019 AT 13:59 Paid Content - Aradhya Raghuwanshi 29 MAY 2020 AT 11:32 मेरे अल्फ़ाज़ को पढ़कर वोकुछ ऐंसे खामोश हुआलगता है जैंसे मेरी मौतकी खबर से अभी वाकिफ़ हुआ - Hans Raj 23 SEP 2019 AT 21:40 यहां शाम-ओ-सहर अच्छा नहीं है न राही, रहगुज़र अच्छा नहीं है ।थी मजबूरियां जो घर को छोड़ आएपता तो था शहर अच्छा नहीं है ।। - Aradhya Raghuwanshi 16 JUN 2020 AT 17:56 न जाने किस गुनाह की सजा दे दी उसे लिखकर किसी ओर के नसीब मेंमेरे खुदा ने ही मुझे मौत दे दी - Aradhya Raghuwanshi 24 JUL 2020 AT 11:43 उसके बताए रास्ते पर अंजान बनकर बैठ गयीबेवफ़ा था जो कमबख्त उसी के सामने मैं वफ़ा की किताब खोलकर बैठ गयी - Aradhya Raghuwanshi 11 AUG 2020 AT 12:30 भरी थी जेब तब गैर भी रोक रोक कर हालपूछते थे जो उजड़ गया पैसों का महल तो अपने भी अब मौत की तारीख़ पूछते हैं - Aradhya Raghuwanshi 19 JAN 2020 AT 20:30 खत तो बहुत लिखे उसके नाम परमगर कमबख्त उसका पता ही नहीं था हमारे पास - Hans Raj 27 MAR 2019 AT 10:44 जहाँ में ढूंढ रहे हो तो इसे भूल कहोफूल से लोग किताबों में मिला करते हैं । -