Ecstatic Bagi 30 APR 2020 AT 12:40 उसके आखरी अल्फाज़ मुझे आज भी याद हैं,,..अच्छा बारात आ गई तुम अपना ख्याल रखना!! - Sagar Agrawal 16 JUN 2020 AT 9:53 लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती है कभी कभी जुबान भी साहब,,,ना जाने खामोशी मजबूरी है या समझदारी...!!!!! - Pankaj Semwal 2 APR 2021 AT 17:17 यू तो अक्सर बातें होती है उनकी नज़रों से पर नज़रों के लफ़्ज़ , अक्सर उनके समझ नहीं आतीं..―pankaj semwal - Siraj Ud Daula Tintoiya 23 OCT 2021 AT 13:49 न जाने लफ़्ज़ कितने लिख दिएसफ़ेद पन्नों पर काले तिल रख दिए - Rohini Shukla 14 FEB 2020 AT 18:33 किस्मत में नहीं हो इल्म हैं मुझे पर फ़िर भी दुआ करते हैंक्योंकि सुना है मैंने भी कि क़िस्मत कभी भी बदल सकती हैं - SHRADDHA 18 MAR 2020 AT 4:35 तेरे ख्यालों को यूँ ही लफ्ज देने लगे है और लोग कहते है हम शायरी करने लगे है।। - अपरिचित कलम✍️ 26 JUL 2020 AT 12:28 लफ्जों की मुझको जरूरत नहीं हैजबसे चेहरों को मैं पढ़ने लगी हूं थक जाती हूं अक्सर जब शोर से खामोशी से बातें करने लगी हूंदुनिया की बदलती तस्वीर देख करशायद मैं कुछ कुछ बदलने लगी हूंनफरत के जहर को मिटाना ही होगाइरादा यह मजबूत करने लगी हूंपरवाह नहीं कोई साथ आए मेरेमैं अकेली ही आगे बढ़ने लगी हूं ।। - Monika Raj 18 JUN 2018 AT 13:42 कहा था हमने उनसे, कुछ, लफ्ज़ ही लिख देना, मुझ पे।मगर! वो नाचीज़, फिर टाल गए,यह कह के,"अब, क्या?मैं लिखूँ तुझ पे", खुदा ने, पहले से ही, क्या नायाब़ कारीगरी की है, तेरे हुस्न पे।। - Pankaj Semwal 1 APR 2021 AT 21:56 तुम मेरा वो ख़्वाब हो जिसनें ख्वाबों से मोहब्बत करना सिखाया .. - Dr Ashish Vats 29 MAR 2019 AT 20:54 लफ्ज़ सब खो गए हैं कहीं,ना छंद मिल रहे हैं, ना मिसरे..मन भी खाली खाली सा है ,किसीने शब्द छीन लिए मुझसे.. ©drVats -