QUOTES ON #रौशनी

#रौशनी quotes

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11 JAN 2020 AT 18:50

किसकी मौजूदगी है कमरे में
इक नई रौशनी है कमरे में

इस क़दर ख़ामुशी है कमरे में
एक आवाज़ सी है कमरे में

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9 MAY 2019 AT 5:26

गुज़र रही है जिंदगी एक अरसे से किसी अपने की तलाश में,
सदियों से बस यही एक प्यास जारी है।
अंधेरा तो बहुत है इन ज़िन्दगी की राहों में,
बस एक रोशनी की तलाश जारी है।

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22 SEP 2019 AT 2:08

कहानी होगी कुछ तो अंधेरे की भी
कुछ तो रौशनी की भी खता होगी

- सुप्रिया मिश्रा

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6 JUN 2019 AT 22:44

;..रौशनी ने, यह किस क़ीमत पऱ मिटाये अंधेरे,
दीपक जल गया पऱ हाथ भी जल गये मेरे..;

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31 JUL 2020 AT 7:26

आज फिर रौशनी है मोहल्ले में!
वो वापस इस शहर आई है क्या ?
दूर रहकर मेरी मुस्कान भाया नहीं उसे ,
जा पूछ! मेरे वास्ते जहर लाई है क्या?

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27 JUL 2019 AT 20:10

भूले हुए लोग फ़िर नज़रें मिलाने आ गये
ये टूटा हुआ दिल फ़िर से जलाने आ गये

हम पत्थर दिल हैं उन्हें पता नहीं श़ायद
इक दिन पिघल जायेंगे इसी बहाने आ गये

ज़ख्म जो मिले हैं उन्हें इस बेदर्द ज़माने से
उनको वो अब मेरे ज़मीर से सिलाने आ गये

ज़हर घोलना तो सारे ज़माने की आदत है
वही ज़हर लिया और मुझे पिलाने आ गये

अब किसी के लिए जगह नहीं है दिल में
फ़िर क्यों तुम बेवजह मुझे मनाने आ गये

मैं ख़ुद एक कहानी बन गया हूँ लोगों की
और वो मुझे ही एक कहानी सुनाने आ गये

कौन जानता था कि यही होगा जो अब हुआ
तुम क्यों मुझे अंधेरों में रौश़नी दिखाने आ गये

एक दिन हर कोई ख़ौफ़ खाता था "आरिफ़"
भूखा समझ वो मुझे खाना खिलाने आ गये

"कोरा काग़ज़" है मेरी ज़िन्दगी बहुत दिन से
वो हाथ में कलम लिए उसको सजाने आ गये

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8 MAY 2019 AT 21:39

इस अंधेरी दुनिया में

हम भी कल को आसमाँ छू लेंगे
बस कोशिश जारी हैं।





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ये रौशनी तुमसे है,पर अभी संसार आपसे अपरिचित है,
बड़ा वही बना है जो घने अंधेरो से भी परिचित है।
जो सोचा है उसे एक दिन हासिल करोगे,
मृत्यु भी एक सच है वो भी एक दिन आ जायेगी
पर जो सोचा है उसे पा लोगे सुकून से तुम तभी मरोगे।
सूर्य भी बनना है तपना भी नही है,
तो फिर ऐसी कामयाबी का नाम जपना भी सही नही है।
🙏हैप्पी दिवाली🙏

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16 JAN 2021 AT 12:07

मोमबत्ती को माचिस नहीं
बल्कि जलाये रखता है उसी का मोम।

(अनुशीर्षक पढ़ें)

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17 JUN 2019 AT 8:52

मेरे हर अल्फाज़ का मैं ख़ुद आईना हो जाता
उसको श़िर्क में डुबाकर कैसे सफ़ीना हो जाता

आगे बढ़ने की चाह ने बदल कर रख दिया मुझे
दूसरों को तराश कर ख़ुद कैसे नगीना हो जाता

ना जाने कौन से सफ़र पर निकल गया हूँ अब
मेरी रहगुज़र को देख लोगों का क़रीना हो जाता

मेहनत कभी करने की कोशिश ही नहीं की मैंने
वरना इतना बेरहम क्यूँ मेरा पसीना हो जाता

सच्ची रौशनी मन की ही होती है पता था मुझे
गर उजाला ना मिलता तो मैं नाबीना हो जाता

भड़क उठा हूँ मैं सबकी नसीहत सुनकर "आरिफ़"
कोई प्यार करता तो दिल मेरा सरीना हो जाता

"कोरा काग़ज़" रह गया मेरे हाथ में कुछ लिखा नहीं
कलम साथ देती तो अल्फाज़ मेरा ज़रीना हो जाता

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