गर, हम रूठ जाए, तुम हमें मना लेना, तेरे रूठने पर, हम तुम्हें, मना लेंगे। क्योंकि........! ये रिश्ते, रेशम की, डोर से होते हैं, कहीं तीसरा इसमें, गाँठ, न लगा जाए ।।
गर कभी रूठ जाऊं तो मेरी खामोशी को पहचान लोगे तुम मेरे दर्दे दिल का हाल जान लोगे तुम बिना सवाल किए गले लगा लोगे तुम यही भरोसा जिंदा रहने के लिए काफी है कभी बात ना करूँ तो...