अमुक तुम आते हो हर्फ सा मेरा दिमाग लड़ता है,
तुम्हारे जाने से अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है.....
तुमने जो मुझे समझा था वो है सिर्फ मेरा एक रूप ,
हमेशा लगाया मस्तिष्क, ऐसी तेरी मति की जड़ता है.....
मुझे समझने के लिए क्या मेरे जैसे तुम बन पाओगे,
जो मैं शौक से करता हूं, क्या वो तुम चुन पाओगे.....
ठीक है जाओ अपने गंतव्य की ओर त्रप्त से होकर,
मैं वो व्यक्ति हूं जो हमेशा, हर बात पर अड़ता है.....
अमुक तुम आते हो हर्फ सा मेरा दिमाग लड़ता है,
तुम्हारे जाने से अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है.....
#मेरीकलमसे
#राहुलयादव
#निशब्द
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