YQ Sahitya 17 MAR 2019 AT 17:32 'होली उत्सव'होली आयी रे कन्हाईरंग छलके सुना दे ज़रा बाँसुरीछुटे ना रंग ऐसी रंग दे चुनरियाधोबनिया धोये चाहे सारी उमरियामोहे भाये ना हरजाईरंग हलके सुना दे ज़रा बाँसुरी - YQ Sahitya 18 MAR 2019 AT 21:09 'होली उत्सव'आज बात भारतीय फिल्मों में होली के साहित्य की - Ritu Agrawal 24 FEB 2019 AT 8:59 ए ज़िन्दगी! कुछ रंग दे मुझको..या खुद के रंग में रंग दूं तुझको ?? - Monika Raj 23 SEP 2018 AT 9:14 मेरे हिस्से के, बचे रंग को, चल.........! तेरे हिस्से के, बचे रंग से, मिलाते हैं। जो नई रंग, बन जाए, क्यों ? न........, उन से, एक हसीन, तस्वीर बनाते हैं।। - कमल जोशी 29 MAR 2021 AT 9:46 क़भी तो आ कर खेले वो होली हमारे साथ काशाना में,तो उन्हें मालूम पड़े रंग ख़िलते कैसे हैं चेहरे पर उनके साथ! - Shubham Patidar 29 NOV 2019 AT 11:23 मेरे नाम की मेहंदी लगाए बैठी है,लगता है मुझसे इश्क़ लड़ाए बैठी है...मेरी निशानी माथे पर सजाए बैठी है,लगता है मुझसे प्यार जताए बैठी है...मेरे बंधन को गले मे बांधे बैठी है,लगता है मुझसे दिल हारे बैठी है...मेरी बलाएँ आंखों में धर बैठी है,लगता है मुझसे मोहब्बत कर बैठी है...मेरे रंग में लाल रंग ओढ़े बैठी है,लगता है मुझसे उल्फ़त जोड़े बैठी है... - Prakash Jha 25 MAR 2021 AT 20:00 रंग"रंगों को भी रंग होने पर शर्मिंदगी महसूस हुआ,जब देखा आदमी को पल में कई रंग बदलता हुआ। - Siraj Ud Daula Tintoiya 26 DEC 2020 AT 11:43 शक्ले बहुत सी हैंहर शक्ल पर परेशानी हैमिलु तो किस रंग में मिलुहर रंग की बात नई हैं - Anuman 28 NOV 2019 AT 0:51 dal kar ek nazar,wo chand ko bhi hasheen kar gayaare wo to parde me bhi mehfil naajneen kar gaya - Niharika Karan 14 MAY 2017 AT 10:35 वो सब समेट लेती है खुद में,गम के, खुशी के, शिकायत के,रंग सारे समाते हैं उसमें;लोगों की तरह रंग नहीं बदलती,एक सी ही रहती है-स्याह काली।और फिर भी लोग पूछते हैं-ऐसा क्या खास है उसमें? मोहब्बत क्यूँ है एक काली कमीज़ से? -