QUOTES ON #मूर्छित

#मूर्छित quotes

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8 APR 2020 AT 16:28

लछिमन सा मूर्छित पड़ा, देखो ये संसार ।
ले आओ संजीवनी, प्रभु करो उद्धार ।।

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||दोहे_जैसा||



कटु बचन का पीड़ अबोध, कबहूं न देहौ कोय।
भुजंग डंसा जी जावत, जो शबद डंसे मृत होय।।

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2 APR 2017 AT 8:55

अपने इन भीने गेसुओं को संवार लो जरा
हर एक बूँद नीर की, लगती है ओस की तरह,
तृष्णा सा महसूस कर मूर्छित हो जाता हूँ ऐसे
बरस उठा हूँ बारिश में जैसे मेघा की तरह।

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31 JAN 2021 AT 15:47

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8 APR 2020 AT 16:47

"प्रभु राम की कृपा से सबकी
दुखों का कीजिए संहार ,
सब जग आज सुना -सुना पड़ा कुछ आप ही कीजिए पवनपुत्र हनुमान !! "

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7 MAR 2017 AT 6:29

The purity of Heart often signifies You! as a Naive

आज भी जियूँ मैं शब्द सिंचित...
फिर क्यूँ हो गये!अब मेरे स्वर किंचित...

न कुंठित हूँ...
न भयभीत मैं!
थोड़ा सा हो गया, बस अर्धमूर्छित!

किये चिन्हित,मेरे नेक विचारों को
किया शब्दों में भी,वो!खूब वर्णित
सराहा भी हर सूक्ष्म प्रयासों को
देकर सलाम इस नादान बालक को
वो कर गये थे!कुछ यूँ महिमामंडित

फिर क्यूँ मिलता,मेरे आसंग को
टुटा डोर वही और मेरे रंजित फिर से खंडित!!!

माना सब महान हैं...
उनकी अपनी जहां है...
मैं भी तो इस जहां का वासी...
फिर मेरा कहाँ निशां है!!!!

फिर करना क्या!कुपित मैं बोल उठा...
लो जियो मुर्ख!
लेकर फिर से,वैसा ही कुछ अंजाम अर्जित
वो क्यूँ ! समझ नहीं पाते हैं
मेरा उद्देश्य नहीं,होना चर्चित...
कर किसी को आहत मूर्छित

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8 NOV 2020 AT 21:36

वो संजीवनी बूटी सी..
मैं मूर्छित लक्षमण सा..
कोई उसे घर सहित उठा लाये..
हनुमान बनकर..🤪

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24 NOV 2020 AT 1:23

सूरज के डूबने के साथ साथ
अधमरी चेतनाओं का सूरज भी डूबने लगा

दिनभर की झुंझलाहट और चिड़ापन लिए
चेतना ओंधे मुंह,बेहोश नींद की भेंट चढ़ गयी,

पुनः उसी दोहराव और झुंझलाहट को कायम
रखने के लिए,

इस बढ़ती रात के सन्नाटे में बस
भौकते कुत्ते ही अपनी सजगता का
प्रमाण दे रहे हैं ,

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