"तेरा होना चाहता हूं"
तेरे एहसांसो के मोती को, दिल के धागे में पिरोना चाहता हूं।
हर पल हो तेरी ही फिक्र, याद में इस कदर खोना चाहता हूं।
एक डर सा लगा रहता है यहाँ, कि कोई तोड़ ना दे मुझे
महफूज़ रखूं खुद को, तेरे दिल का वो कोना चाहता हूं।
मुद्दतें हो गयी हैं, सुकून की नींद नहीं पड़ती
अब तो बस तेरी, बाहों का बिछौना चाहता हूं।
छुपा चुका बहुत मैं, इन जज्बातों को जमानें से
तेरे कंधे पे सर रख अब, सरेआम रोना चाहता हूं।
जवानी नहीं मुस्कुराती कभी, अब उस बचपन की तरह
उछल पड़ता था खुशी से, बस वही खिलौना चाहता हूं।
अच्छे कामों में देर नहीं करते, चलो मुकम्मल कर दो
अपना बना लो मुझे, मैं तो बस तेरा होना चाहता हूं।
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