Jyoti Shakya 30 MAR 2020 AT 20:00 ख़त लिखकर तुझे, मैं अक्सर जला देती हूँ,महज़ पानी से इश्क़ की आग बुझा नहीं करती! - Aamir Qais Anzar 1 SEP 2021 AT 6:59 बहुत काम है दुनिया में ग़ालिब,महज़ Login-Disbursal के सिवा। - Chanchal Choudhary 23 AUG 2018 AT 1:26 अरसे से मशक्कत की तो ऐसा कर पाए हमतुम ग़लत ग़लत ग़लत.. सही तो हैं महज़ हम - अवनीश अवन 21 JUL 2020 AT 9:11 हमारी बातें हमारे इरादेसब हैं ढोंग महज़ हैं दिखावेये जहाँ क्या हैं,ये ख़ुदा क्या हैंये सब हैं छलावे महज़ हैं दिखावेमुझे सब पता हैं मुझे क्या पता हैंये सब हैं बहकावे महज़ हैं दिखावेमुझे क्या चाहिये मुझे कुछ नहीं चाहिएये हैं बहाने महज़ हैं दिखावे - Mithilesh Kumar Arya 1 NOV 2017 AT 23:15 इश्क़ महज़ मोहब्बत नहीं..!. मग़र तुम क्या समझोगे. तुम्हें तो मोहब्बत भी नही आती... M.k.arya... - Mन की Giरहें 20 AUG 2019 AT 8:48 कुछ थोड़ा आने वाली नस्लों के लिये भीआखिर वो भी तो जाने की अतीत था कैसामहज़ इतिहास में सिमट कर न रह जायें हमआधुनिक से अतिआधुनिक बनने की होड़ मेंकहीं अपनी मज़बूत जड़ों से दूर न निकल जायें सनद रहे ।।।। - Maihar Rankaj Chaurasiya 25 JUN 2021 AT 22:33 तुम्हारा मुझसे मिलना महज़ संजोग हैया खुदा की इसमे कोई खोज हैं - Sara 27 MAY 2021 AT 1:37 दीवारों पर महज़ रंग किया जाता है,दरारें भरना इतना भी आसान नहीं। - Balram Bathra 21 DEC 2019 AT 19:53 महज़ चंद लम्हों में, तय नहीं करना मुझे.,फिलहाल मेरे हिस्से में थोड़ा सफ़र रहने दे.. - Mन की Giरहें 1 JUN 2020 AT 7:24 महज़ मिट जाने के लिये अरमान थे कुछ अनकहेअल्फाज़ थे कुछ अनसुनेछेड़े थे बस तुझे सुनाने के लीये ।। -