मुझसे दूर हो
तुम बिन ये तन्हा दिल मज़बूर है,
तुम करीब हो फिर भी मुझसे अनजान हो
ये तन्हा दिल तुमसे मिलने को बेताब है,
तुम करीब हो फ़िर भी खोये-खोये रहते हो
ये बेचारा दिल तुम बिन बेचैन है,
तुम करीब हो फ़िर भी,उखड़े-उखड़े लगते हो
जैसे ये मेरी साँसें, ये धड़कने मुझसे दूर है,
कहने को तो हम दोनों एक है,
लेकिन तुम मुझसे दूर हो, मैं तुमसे दूर हूँ...!
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