वो ज़िस्म का भुखा मोहब्बत के लिबास में मिला था पहचानती कैसे उसे चेहरे पर चेहरा लगा कर मिला था ❤💕(💕Read full in Caption💕)💕❤ ...............वो आखरी वार मुझे बिस्तर पर मिला था
बहुत हसीन सपने हों तो फिर टूट जाते हैं बहुत पक्के रिश्ते भी हाथों से छूट जाते हैं नहीं होती अब सच्ची मोहब्बत सब को बस हवस के खेल हैं, जिस्म बिस्तर पे लुट जाते हैं