वो तीन बच्चे बेहद भूखे थे।
मेरी नजरें उन्हें देख मुझे एहसास हो गया।।
मैंने हाथों में लिया एक अमरुद था।
उसे देख मेरा मन उदास हो गया।।
ना जेब में पैसे लिए थे, ना थे देने को रोटी।
मैं करता भी क्या अब किसी और ने ना देखी उनकी मजबूरी।।
मैंने गुहार लगाई उनमें से एक दौड़ा चला आया।
मेरे हाथों से अमरूद लिए वो खुशियों से भर आया।।
अब एक का मन तो खुश हुआ और दो का था उदास।
उन दोनों का चेहरा देख अब मेरा भी मन भया उदास।।
-