QUOTES ON #बर्फगोला

#बर्फगोला quotes

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28 MAR 2017 AT 6:32

होली के अगले दिन भी सामने वाली चाय की दुकान बंद थी। मैं बालकनी में खड़ा, अपने बनाये गर्म पानी सी चाय से होठ और जीभ जला रहा था। नीचे पूरी सड़क अलग अलग रंगों से रंगी हुई थी। जाती हुई सर्दी और आती हुई गर्मी का अहसास होने लगा था।चाय की दुकान बंद होने से सामने खड़े ठेले वालों का व्यापार और दिनों के मुकाबले दोगुना चल रहा था। लोग सुबह से ही गन्ने का रस और बर्फ के गोले का आनंद ले रहे थे। तभी मेरी नजर दूर से आते दो लोगों पर पड़ी। मैंने उन्हें पहले भी कई बार देखा था, चाय की दुकान पर, इसीलिये दूर से ही पहचान गया। जब उन्होंने भी चाय की दुकान बंद देखी तो गोले वाले ठेले की ओर बढ़ गये। मैं उन्हें जानता भी नहीं पर दोनों को साथ देख मेरे चेहरे पर भी मुस्कान आ गयी। गोले वाला गोले बना रहा था। सफ़ेद बर्फ के गोलों के साथ मानो होली खेल रहा हो, लाल, पीले, हरे रंगों से रंग रहा हो उन्हें। दोनों ने एक ही गोला लिया। पहले लड़की चूसती फिर लड़का। दोनों खुश दिख रहे थे। आज उनके बीच न चाय थी, न सिगरेट, बस था एक पिघलता, टपकता हुआ बर्फ का गोला। उसकी मिठास और रंग कम हो रहे थे मगर उनके जीवन में रंग आ गया था, मिठास आ गयी थी। मेरी चाय ठंढी हो चुकी थी, फिर भी अब मुझे दुकान वाली चाय सी लगने लगी थी।

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25 MAR 2017 AT 23:49

"अंकल एक बर्फ का गोला देना" मैंने गोले वाले से कहा।

"कउन सा फिलेवर लोगी बेटा?" उसने बर्फ घिसते हुए पुछा।

मैंने "मेंगो फ्लेवर" बता दिया।

थोड़ी देर में उसने मुझे दो रंग वाला गोला बना कर दिया। मैंने उसके हांथ से गोला ले लिया और गोले का रसस्वादन करते हुए अपनी जेब से 10 का सिक्का टटोल कर उसे दे दिया।

"अब ई सिक्का नाहीं चलता, नकली हुई गवा हई" उसने मेरे सिक्के को नकली क़रार देते हुए कह दिया।

"मेरे पास और पैसे नहीं हैं और मेरा घर भी यहाँ से दूर है" मैंने परेशान होते हुए कहा।

उसने मुस्कुराते हुए कहा " कउनो नाहीं बेटा, तुम PAYtm करि देना।

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28 MAR 2017 AT 22:27

प्रेम चाय की चुस्की है
प्रेम सिगरेट का कश है
प्रेम बर्फ का गोला है
जिसने जहाँ चाहा
वहाँ प्रेम घोला है
घुल जाता है कहीं भी
प्रेम भी बड़ा भोला है।

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26 MAR 2017 AT 11:13

याद तो तुम्हारी मुझे
आती रही, जब जब वो
होंठों से बर्फ की गोले को
झूमती रही, मुझे घूरती रही।
जब जब बारिश में खुद को यूं
भिगोकर दौड आती रही, और
'चलो ना चलो ना' कहती रही ।।
जब जब मुस्कुराकर उंगली थामी,
गलतियों को आंसुओं में छिपाई,
रातों में डर की चादर ओढ़कर मेरे
सीने से लगकर जब झट से सोयी।
याद तो तुम्हारी मुझे आती ही रही,
नाना बुलाकर वो हँसती है ना तब
लगे मुझको पापा बुलाती हो तुम ।
दे गयी तुम मेरी गोद में इसे तब से
तुमको ही ढूंढ रहा हूँ इसमें पल पल।
पहचान में,
परछाई में,
नन्हें से
दिल की
सच्चाई में।
आवाज में
आंसुओं में
बर्फ की
गोले सी
मिठास में।।

-Anushka Diya

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24 JUL 2020 AT 16:12

बर्फ का गोला (कहानी)

(अनुशीर्षक में पढ़ें)

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25 MAR 2017 AT 23:00

बर्फगोला से ही हो चले है
खुद को जमाते है
रात भर
अगले दिन फिर
उलझनों की धूप में
पिघल जाते हैं
शाम होते ही घर
पहुचंने की जल्दी रहती है
फिर जम सकें
अगले दिन पिघलने के लिए
सुकून इस बात का
रहता है
साहस की डंडी हमेशा
साथ बनाये रखती है
जिसके इर्द गिर्द
खुद को लपेट बर्फगोला
बन जाते हैं ।

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25 MAR 2017 AT 20:30

भूत काल-

"दादा जी, दादा जी मुझे भी बर्फ का गोला खाना है", छोटी सी बच्ची ने कहा।"पर उसे खाने से इस छोटी सी गुड़िया का तो गाला खराब हो जाएगा। फिर वो आने दादा जी के साथ बात कैसे करेगी?", उन्होंने पूछा।"नहीं होगा दादा जी, पक्का।मुझे खाना है, खाना है, खाना है।" "बनाओ भैया, इस ज़िद्दी के लिए बनाओ बर्फ का गोला।"

वर्त्तमान काल-

"दादा जी देखो आज मैं गोला खा रही हूँ। रोकोगे नहीं? एक बारी तो कह दो मत खा, गाला ख़राब हो जाएगा। दादा जी आप अपनी गुड़िया से बात करे बिना कैसे रह सकते हो? गुड़िया नाराज़ है दादाजी से।उसे मनाओगे नही? दादा जी वापस आजाओ ना। गुड़िया आपको बहुत याद करती है।आपकी आवाज़ सुनाने के लिए तरस रही है।", उसने कहा रोते हुए अपने दादा जी की तस्वीर के आगे।

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27 MAR 2017 AT 15:39

कुछ ९ वर्ष के बाद पहुची वापस उसी जगह बर्फ़ का गोला खाने
आज भी वही गोले वाले भैया थे
सामने देखा तो वही बच्चे बढ़े हो गए थे
लेकिन आज भी वही ग़रीबी में जी रहे थे
उनका संघर्ष अब तक कायम था
अब मैं नासमझ नहीं थी
सब समझती थी
खरीद के दे दिए बर्फ़ के गोले उन्हें
एक पहचान गई मुझे
कहने लगी "बहुत देर कर दी आपने हमारी भूख मिटाने में"
आँसू थे मेरी आँखों में
"मेरी भी तो बर्फ़ के गोले की भूक ९ साल के इंतज़ार के बाद मिटी हैं वहां कहा मिलता हैं बर्फ का गोला"
उसमे और मुझमें ज़मीन आसमान का फर्क था
पर दोनों की बर्फ के गोले की प्यास सालो बाद बुझी थी
इस साल गई तो वहा एक ऊंची बिल्डिंग बन रही थी
सब वहा से लापता हो गए थे,
बहुत दुख हुआ मुझे
उस दिन से मैंने बर्फ का गोला खाना छोड़ दिया और कभी वहा लौटके नहीं गई

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28 MAR 2017 AT 10:08

वो दोनों बहुत ख़ुश थे। घर में एक और ख़ुशी जो आने वाली थी। पर कुछ दिनों से लड़की अनमनी सी थी। उसे कुछ अच्छा नहीं लगता था, लड़का उसके अनमने पन से परेशान न हो इसलिए वो मुस्कान ओढ़े रहती। लड़का उसकी धड़कनों तक को समझता था तो उसके मन को कैसे न समझता। उसने लड़की को ख़ुश करने की कई जुगत बिठायी पर लड़की को कुछ न भाया। फिर उसे कुछ याद आया और उसने अपने मोबाइल पर Amazon की app खोल कर कुछ ऑर्डर किया। अगले दिन कुरीयर आने पर लड़के ने पैकेट किचन में ले जाकर खोला। उस पैकेट में थी एक आइस शेविंग मेकिंग मशीन। फ्रिज से बर्फ़ निकाल कर उसने एक ताज़ा बर्फ़ का गोला बनाया और उस पर काला खट्टा, और रूह आफ़जा शरबत डाला। एक ट्रे में उसे सजाकर जब वो लड़की के पास ले गया तो लड़की ख़ुशी के मारे उछल पड़ी। लड़की ने जी भर के बर्फ़ का गोला खाया। लड़के को वो दिन याद आ गया जब एक दोपहर को बर्फ़ का गोला खाती लड़की को वो अपना दिल हार बैठा था। लड़की ने नज़र भर के लड़के को देखा और एक संतोष की साँस भर कर सोंचा, जो मेरी क्रेविंग को मुझ से ज़्यादा समझ सकता है, उसे चुनना मेरी ज़िंदगी का सबसे सही फ़ैसला था।
-सारिका

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26 MAR 2017 AT 13:33

चुस्कियां बांटता था वो,सिसकियां छुपा के,

बर्फ के ढेलों के साथ अपने ग़म भी पीस लेता था!!

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