मैंने प्रायः देखी है प्रेमियों में एक बन्धन की दिवार जिसे कुछ प्रेमी ईर्ष्या का नाम देते हैं और कुछ अपना अधिकार कहते हैं।। प्रेम तो स्वयं स्वतन्त्र है तो फिर प्रेमी के समक्ष ये बन्धन की दिवार कितनी आवश्यक है और कहाँ तक उचित ही..??
प्रेम एकम प्रेम प्रेम दूनी विश्वास प्रेम तिया बन्धन प्रेम चौके त्याग प्रेम पंजे वियोग प्रेम छक्के पीड़ा प्रेम सत्ते अश्रु प्रेम अट्ठे कविता प्रेम निम्म ईश्वर प्रेम दहाम शून्य
कैसे कहुं इस जिन्दगी की बातें... हर शब्द में बन्धी हैं ,जिसकी सौगातें.. बेंडी़ बनकर जो घुल चुका है, कैसे बताऊं मै मोह-माया के है ये रिस्ते नाते। कबतक रह पायेंगे परे इससे , मेरी तमन्ना इन बन्धनों के वास्ते।
-
Fetching #बन्धन Quotes
Seems there are no posts with this hashtag. Come back a little later and find out.