QUOTES ON #बनारसी

#बनारसी quotes

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15 MAY 2021 AT 14:50

इंतजार करते रहो आप कभी नहीं आएंगी वो आपकी जान लेकर , वैसे 🤔 आपका जान तो आपके ही पास है , और वो कोरोना में आने वाली भी नहीं।😄
ये कैसा झूठ है 🤔 पटाने के लिए की तुम्हारे तारीफ के बिन मेरा सबेरा नहीं ।🤭😄

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6 JUN 2021 AT 9:03

बनारस और मैं
कभी वहाँ की सुबह की आरती देखती तो कभी वहाँ के कवियों की शायरी
शौक बचपन से ही हो गया था एक बार तो देखुंगी अपनी आँखों से उसे
सपना मेरा कुछ अनोखा सा ही है बनारस को लेकर
मुझे वहाँ की सबकुछ भाता है बनारसी पान हो या फिर गंगा नदी का घाट
ऐसा न है कि पटना में गंगा घाट नही
पर शायद उसमें बनारस जैसी बात नहीं
यु़ं कहुँ तो मेरा इश्क़ है बनारस
और बनारसी कविताएँ पढ़ती हूँ तो सिर्फ उसे ही जानने के लिए
मुझे भी वहाँ के खुले वातावरण में कुल्हड़ की चाय पीनी है
एक दिन ही सही मुझे भी बनारसी बन के जिंदगी जीनी है
अल्फ़ाज़-ए-साक्षी

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बनारस का पान
स्वाद है तुम्हारा
बनारस की लस्सी
मिठास है तुम्हारा
बनारस के घाट
प्यार है तुम्हारा
बनारस के मंदिर
अभिमान है तुम्हारा
बनारस की गलियां
खूबियां है तुम्हारी
बनारस की सुबह
प्रणाम है तुम्हारा
बनारस का शाम
नाज़ है तुम्हारा
बनारस का गमछा
ठाठ है तुम्हारा
बनारस की साड़ी
नज़ाकत है तुम्हारी
बनारस की बोली
अंदाज़ है तुम्हारा ....!!!
❤️ बना रहे बनारस ❤️
❤️ अपना बनारस ❤️


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22 JUL 2017 AT 22:08

पूछती हूँ मैं आज ,भला नाम में क्या रखा है
काशी में शिव की गंगा शिव की मणिकर्णिका
यहां बोलो प्रारब्ध और अंजाम में भेद क्या रखा है

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17 JUL 2019 AT 10:49

पकड़ के मेरी कलाई हरी चुड़ियां
पहनाई उसने
फिर थाेड़ा और करीब आकर बनारसी पान की
गिल्लाैड़ी चखायी उसने
उफ्फ यूं सूर्ख लाली छायी लबाें पर मेरे
जैसे अपने प्रीत की मूहर
लगायी उसने

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17 MAR 2019 AT 19:21

# बनारसी पान #

बनारसी-पान-सा हुस्न तेरा

जर्दा-ए-फितरत, दुनिया की

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28 MAY 2020 AT 11:15

जिंदगी में तकलीफ किसको कम है ।
गौर से देखिए यहां सबकी आंखे नम है ,,
हम जुनून में है, ये सिर्फ आपका भ्रम है।
हां भईया ,,,,,
आप ही मेरे सर,और आप ही मेरे मैडम है।।
😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁

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24 MAR 2021 AT 23:44

अब तुम्हारें नाम की चिट्ठी लिखा करेंगे
जब तुमसे बात ना होगी तो ख़त दिया करेंगे।।

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28 NOV 2020 AT 1:38

अज़ान की आवाज़ , महादेव का नारा है बनारस
जो हो हर हर गंगे तो दुजी ओर अल्लाहु है बनारस।।

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18 JAN 2019 AT 0:41

तेरी ये आंखें उनके दीदार को प्यासी है
चेहरे पर मुस्कान, तन पे साड़ी बनारसी है
खूब जंच रहा है हाथों में हिना का रंग आज
रौनक ए डोली भी अच्छी खासी है ।

लेखक - योगेश हिंदुस्तानी

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