QUOTES ON #फिक्र

#फिक्र quotes

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27 SEP 2020 AT 18:29

फ़िक्र में वो तमाम यादें, ख्यालों में उथल-पुथल दे गई,
मगर गई तो भी वो लेकिन मुझमें अपनी कमी दे गई!

नींदों में ख़्वाबों का रेला और यादों का नजराना दे गई,
हकीकी नहीं लेकिन फिर भी एक धुंधली तस्वीर दे गई!

आँखों में कतरे अश्कों के और पलकों में सैलाब दे गई,
जाते जाते खत में वो पहला पहल सूखा गुलाब दे गई!

आँखों मे अक्स दर अक्स और खुद की परछाई दे गई,
दूर बहुत दूर होकर भी लेकिन वो नजदीकियां दे गई!

खामोशियों में लफ्ज़ और लफ्ज़ों में खामोशी दे गई,
लेकिन अनकही बातों की दर्दभरी फ़ेहरिस्त दे गई!

दुआ में खुद और ख़्वाहिश में मन्नत का धागा दे गई,
सिंदूर के हक़ में वो लेकिन अपना सबकुछ दे गई!

रूह में मोहब्बत और मोहब्बत की एक मिसाल दे गई, _राज सोनी
सबकुछ छीन के मुझसे लेकिन वो अपना दुपट्टा दे गई!

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24 JAN 2019 AT 1:02

एक बात कहूँ बेटा
मुझे फिक्र होती है
तुम्हारी..

( Read In Caption )

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20 JUL 2020 AT 8:06


अभी ज़ाहिर हो तो फिक्रमंद भी बेअदब है
हर परत कुरेदी जाएगी जिस पल राज़ हो जाओगे

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28 SEP 2018 AT 8:46

जागते रहना है, पढ़ते रहना है,
पिताजी की फ़िक्र को फक्र में जो बदलना है।

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3 JUN 2021 AT 19:42

कौन पूछता है हाल बंजारों से
सबको फिक्र है कोई ले न जाये फूल बगानों से

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23 OCT 2018 AT 11:52

आज भी नहीं छुपा पाता अपने जज़्बात में उनके आगे
उनके आगे मैं हमेशा, जैसा हूँ वैसा ही हो जाता हूँ
उनका नहीं था तब भी, उनका हो गया तब भी
सारी दुनिया समझती है मुझे बे-दिल बे-जज़्बात
मैं केवल उनसे ही अपना अक्स साझा कर पाता हूँ
अश्क़ भी केवल उनके आगे बहाता हूँ
बचपना भी एक उन्हें ही दिखाता हूँ
हक़ जताता हूँ, बे-हद जताता हूँ
रूठ जाता हूँ, कभी उन्हें मनाता हूँ
गुस्सा है तो गुस्सा, प्यार है तो प्यार
सब केवल उनसे दिल खोल ज़ाहिर कर पाता हूँ
गुस्सा यूँ ही नहीं होता उनसे
उन्हें सुनाने के मन से, यूँ ही नहीं रूठ जाता हूँ
केवल उनकी फिक्र का मारा हूँ, इसलिये परेशान हो जाता हूँ
आज भी है उनका, मुझ पर उतना ही हक़
मैं भी तो बस उन पर, फ़िर से वही हक़ चाहता हूँ
फिक्र रहती है मुझे उनकी, ख़ुद से ज्यादा
बस यह बात आसान शांत लहजे में नहीं कह पाता हूँ
उनका दूर जाना मुझसे, मुझसे कटना या मेरा हक़ किसी और को दे देना
थोड़ा-सा भी मैं, ना जाने क्यों आज भी सह नहीं पाता हूँ
न-जाने क्यों मैं ऐसा हूँ, क्यों ख़ुद को नहीं बदल पाता हूँ
है बस इतना पता कि फिक्र है उनकी
मैं उन्हें आज भी बे-हद, बे-हद और बे-हद
बे-हद क्या, मैं आज भी उन्हें ख़ुद से ज्यादा चाहता हूँ
- साकेत गर्ग 'सागा'

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3 AUG 2020 AT 17:52

हर रिश्ते में नींव की भांति होता ये भरोसा ,
टूटकर बिखर जाता हर वो रिश्ता
जिसमें शक होता जरा-सा ।
अक्सर बरसों लग जाते
जिस भरोसे को कमाने में,
धोखे या गलतफ़हमी से
कुछ क्षण भी नहीं लगते इसे गवाने में।।
🍁Anjna Kadyan🍁




रिश्तो की डोर से जो शिद्दत से जुड़ गया ,
फिक्र में उसकी फिर जीवन गुजर गया ।
फिक्र तो प्यार और मधुरता
का सूचक है रिश्तो में ,
स्वाभाविक ही उत्पन्न हो जाए
ये फ़िक्र अपनों की चिंता में।।
🍁Anjna Kadyan🍁

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5 APR 2020 AT 15:19

मर्द को, अौरत के किरदार...
की बडी फिक्र रहती है ,
यदि, वह थोडी सी...फिक्र,
अपने...किरदार को, संवारने की
करले न, तो कोई भी अौरत...
बद-किरदार,ना कहलायेगी...!

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6 JUL 2020 AT 7:33

"मिला तो दो"

ऐ चाँद उनको मुझसे, अब मिला तो दो
हमारे प्यार का गुल, अब खिला तो दो |

बिना हमदम जिंदगी, कुछ अधूरी सी लगती है
कब तलक अकेले चलूं, कोई काफिला तो दो।

मैं तो उनके खयालों में, खोया ही रहता हूँ
उन्हें भी मेरे खयालों का, जाम पिला तो दो |

दो अनजान दिलों नें, एक सफर पे चलने की ठानी है
इश्क के इस अंधेरे में, कोई रोशनी झिलमिला तो दो।

चमक सी रहती है उनके मुखड़े पे, जब वो मुस्कुराती हैं
उदास हैं मेरी फिक्र में, चेहरा उनका खिलखिला तो दो।

वो मुझसे अब "नवनीत", इतनी दूर रहतीं हैं
पास आने का हमें, कोई सिलसिला तो दो ||

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31 MAY 2021 AT 21:18

एक वक़्त के बाद ही सही समझ तो आया,
हर फिक्र करने वाले को मोहब्बत नहीं कहते।

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