बेटियां पराई होती है यह सोच कर ,
मुझे भुला देना मेरे बाबुल !
क्योंकि तेरी पिंजरे में रहने से ,
अब मेरा दम घुटता है ...
बड़े हौसलों से यह कदम बढ़ाया है...
तो मुझे जाने देना मेरे बाबुल!
जबरदस्ती के रिश्ते जहन्नुम होते हैं ,
उससे किसी का घर कहां बसता है ...
देखना कल मेरा दामन किसी गैर को ,
थमा मत देना मेरे बाबुल !
तुम ही सोच लो बंधे पैर से ,
पंछी कहां उड़ता है ...
मुझे गैर सोचकर मेरी सब ,
निशानियां मिटा देना मेरे बाबुल !
कोई आसमान में बस कर ,
धरती पर जिंदा ही कहां रहता है ...
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