तुमसे दूर रह कर तुम्हारे करीब रहना आता है मुझे खुशी से जीना आता है।। मै समन्दर की वो लहर हूँ जो हवा के साथ अपना रुख बदल लेते है....... मैं वो रंग हूँ जो बेरंग ज़िन्दगी में भी रंग घोल देते है मुझे संजीदगी से ज़िन्दगी को जीना आता है मैं परिन्दों का वो आशियाना हूँ जहाँ सुकून का काफिला ठहरता है...... वाकिफ हूँ मैं ज़िन्दगी के हर मोड़ से जहाँ ज़िन्दगी का हर पहर बदलता है मुझे ज़िन्दगी का हर मुकाम हासिल करना आता है मुझे ज़िन्दगी को जीना आता है.....
काली सी रात के इस पहर में, देखा खुद को जब आईने में, ना दिखा कुछ भी ऐसा, बनना था मुझको जैसा, सारे सपने अपने दफ़ना कर, छोड़ कर मैं अपना दर, चली आई अपने इस घर, अपनी ही पहचान भुला कर।