शायद कोई था जिसने तुम्हारे इंतज़ार में कई दिन रात महीने साल निकाल दिये एक बार पलट कर देख लेते। जिसकी तलाश में तुम ज़िन्दगी में आगे ही बढ़ते चले गए। क्या पता तुम पीछे ही किसी मोड़ पर उसे छोड़ आये हो। एक बार पलट कर देख लेते
यूँ तो गलियों में लाखों लोगों का आना-जाना हैं प्यारे पलट कर देखें वो जो अपना दीवाना हैं मुझे आँधी-तूफान दुःख-दर्द का पता नहीं चलता मेरे चाहने वालों के दिल में मेरा ठिकाना है