ज़ैनब ख़ान 6 JUN 2020 AT 12:30 इश्क़ है रस्ताइश्क़ मकाँ है।इश्क़ असर हैइश्क़ दुआ है।इश्क़ मयकशीइश्क़ नशा है।इश्क़ ही ख़ंजरइश्क़ दवा है।इश्क़ सितम हैइश्क़ बला है।इश्क़ ज़ीस्त हैइश्क़ क़ज़ा है।इश्क़ इबादतइश्क़ ख़ुदा है।इश्क़ उसको पता हैजो इश्क़ ज़दा है।। - Anant Bijay 10 SEP 2020 AT 19:38 मेरी तन्हाई में जरा डूबो तो ज़िन्दगी जख्म लगती है,क्या कहूं ए ज़िंदगी फिर भी तू प्यारी नज़्म लगती है। - Madhu Singh 31 MAY 2019 AT 18:47 मोहब्बत की है तो ज़रा सब्र-तलब रखना सीखिए... इश्क़ तो इबादत होती है इसमें थोड़ा तर्क-ए-मोहब्बत करना सीखिए... - Devvrat Sharma 12 MAY 2020 AT 12:44 अपने कमरे के गोशे में बैठे बैठेएक गुमाँ हुआ मुझकोमैंने भुला दिया है तुमकोपर ये गुमाँ भी तुमसा थापल में गायब हो गयाऔर अपने पीछे छोड़ गया एक सवाल.... (पूरी नज़्म अनुशीर्षक में) - Anuradha Sharma 7 DEC 2020 AT 22:31 दिल को छूने वाले , नज़्म तो काग़ज़ पर उभरती हूं ।पर , सूफियाना कर जाए मेरे रूह-ए-कायनात ।वो लफ्ज़ , हासिल न कर पाऊं । - Siraj Ud Daula Tintoiya 4 JUN 2021 AT 14:02 "मेरी दुनिया" जहाँ घर मैं तुम बच्चे माँ-बाप भाई बहन दोस्त अपने और सपने - Devvrat Sharma 6 MAY 2020 AT 21:35 ...हमारे हक में होती हैएक चुप्पी जिसकाकोई कारण नहीं होतामैं रह सकता हूँ चुपजब तक चाहूँऔर जब मुझेमिलता है कोई दुःखतो मैं हो जाता हूँ चुप... (पूरी नज़्म अनुशीर्षक में) - Devvrat Sharma 2 JUN 2020 AT 21:23 तुम जब आई थींतब लिखना शुरू किया था मैंनेअब तुम जा चुकी होतो लिखना छोड़ रहा हूँ... (अनुशीर्षक पढ़ें) - Madhu Singh 26 MAY 2019 AT 19:03 मेरी मोहब्बत की न सही मेरे सलीके की तो दाद देते शिकवा भी तुझी से है अब मगर ये मोहब्बत भी है तुझी से मुझे याद है तेरी हर बात जो संकेत करते हैं स्वर्ग ए ज़िंदगी हकीकत में जब आए तो खत्म सी है ज़िंदगी बद-गुमाँ है तुझपे क्यों तुझसे शिकवा करूं तेरी तो आदत है मगर इस गर्दिश-ए-अय्याम से शिकायत है... - ज़ैनब ख़ान 7 MAY 2020 AT 22:29 हवाएँ कभी बह के आयी जो होंगी, मेरी याद संग में वो लायी तो होंगी। -