मां के आंचल में हर कोई सुकून पाता है।
उसके गुस्से मै भी प्यार झलक ता है।
खाना हद से ज्यादा खिलाती है।
चोरी तो बस वही पकड़ लेती है।
गुरु हो कर भी दक्षिणा नहीं लेती है।
हम गिर जाए तो वो संभाल लेती है।
दुनिया मै वही तो है,
जो बिना मतलब के बेपनाह प्यार करती है।
हम सलामत रहेते है क्यों कि,
मां के हर दुआए काम करती है।
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