QUOTES ON #तेज़ाब

#तेज़ाब quotes

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5 JUN 2017 AT 13:44

वो दर्द की रात थी
तेज़ बरसात थी

(full poem in caption)

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16 MAR 2018 AT 10:21


हब्शियो की हवस का ईलाज,अब क्यों ना हो?
बलात्कारियो का अब बलात्कार ,क्यों ना हो?
जिन हाथो से करते है इज्ज़त नंगी मासूमों की
उन हाथो में जख्म गहरे, अब क्यों न हो ?

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17 MAR 2018 AT 10:17

ज़मीन नहीं थी , ज़मीर बेच दिया ।
तहज़ीब नहीं थी, तेज़ाब फ़ेंक दिया ।

चाहत को मोहब्बत का नाम देकर, एक
मासूम को यूँ सरेआम नीलाम कर दिया ।

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7 AUG 2020 AT 20:12

इश्क़ है मोहतरमा कोई व्यापार नहीं
तेज़ाब से खेलना इतना आसान नहीं

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21 APR 2019 AT 13:55

ये कुदरत पूछ रहा तुझसे,

मैंने तुझे ये हक कब दिया?
कि तू मेरी हि निर्मित की गई कला को
बिगाड़ दे।
तूने भी तो नौ महीने किसी कोख में
आश्रय लिया था।

तेज़ाब था,
तेज़ाब है,
तेरे हाथों में या तेरे दिल में?
जो तूने ऐसी घिनौनी हिम्मत दिखाई।

चल, कोई बात नहीं।
तुझमें इतनी समझ कहां जो
तू केवल मेरी बातों से इन बातों को समझ सके।

चहेरे में खूबसूरती कहां बस्ती है जनाब,
ये तो उम्र के साथ ढलती है।
खजाना तो उस लड़की ने दिल में छिपा रखा है,
जो समय के साथ - साथ निखरता है।
जिसका तु बाल भी बांका नहीं कर सकता।





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9 JUL 2019 AT 23:12

ये दाग मेरी पहचान नहीं,
तेरी हैवानियत के गवाह है
मेरा तो सिर्फ जिस्म जला था,
तेरी तो रूह ही नापाक है
तुम ज़रा सोचो, अपना ज़मीर लेकर
अब कहां जाओगे
मुझे जलाना चाहते थे,
अब अपना मुंह कहां कहां छुपाओगे
दाग मेरे चेहरे पर है,
पर करतूत तुम्हारी देखेगी दुनिया
मुझे नीचा दिखाना चाहते थे,
तुम खुद सर उठा के ना जी पाओगे
मर्द बनना चाहते थे ना,
पर नामर्दी कि निशानी दे गए
डाल कर तेजाब मुझ पर,
खुद क्या हो, कहानी दे गए
मैं तो आज भी सर उठा के,
मुस्कुरा के जी लूंगी
लेकिन तुम....
तुम उम्र भर धिक्कारे जाओगे

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6 MAY 2017 AT 10:32

शायद नया 'माल' है, मैंने देखा अब आप देखिए,
दो चार ताने कसिये, जी भर के आँखें सेकिए,
और फ़िक्र कीजिएगा नहीं 'गर विरोध भी हुआ,
'तेज़ाब' खुल्ला मिलता है यहाँ , चाहे जब फेंकिए...

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5 APR 2020 AT 9:04

अरमान तो कहीं सजाएं थे आफरीन ने,
मगर एक तेज़ाब ने सारे जलाकर राख़ कर दिए।

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9 JUN 2020 AT 0:25

तेज़ाब

दो कौड़ी का यह तेजाब
किसी का अभिशाप बन जाता है
क्यों बिकता है यह बाजारों में
किसी मनचले के हाथ में
बस एक औजार बन जाता है।

क्यों नहीं बिकता यह लाखों में
क्यों मिलता है यह औकातो में
किसी के एक तरफा इरादों से
किसी के लिए सैलाब बन जाता है

तुम मै जो घर में महफूज है
उसके दर्द का एक कतरा भी नहीं समझ सकते
सिर्फ जिस्म ही नहीं किसी का
आत्मविश्वास तक जल जाता है

दो पल के किसी के बदले के लिए
किसी का आस्तित्व बदल जाता है
कोई सहता है पूरी जिंदगी
और कोई बस चुटकियों में निकाल जाता है

एक बूंद जिसकी तन नहीं सह सकता
उसकी बौछारें क्यों हर बार कर जाता है
जिस्म से रूह तक छलनी कर जाता है
किसी बेबस का जीवन बदल जाता है








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4 JUN 2020 AT 18:15

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