QUOTES ON #तस्वीर

#तस्वीर quotes

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27 SEP 2020 AT 18:29

फ़िक्र में वो तमाम यादें, ख्यालों में उथल-पुथल दे गई,
मगर गई तो भी वो लेकिन मुझमें अपनी कमी दे गई!

नींदों में ख़्वाबों का रेला और यादों का नजराना दे गई,
हकीकी नहीं लेकिन फिर भी एक धुंधली तस्वीर दे गई!

आँखों में कतरे अश्कों के और पलकों में सैलाब दे गई,
जाते जाते खत में वो पहला पहल सूखा गुलाब दे गई!

आँखों मे अक्स दर अक्स और खुद की परछाई दे गई,
दूर बहुत दूर होकर भी लेकिन वो नजदीकियां दे गई!

खामोशियों में लफ्ज़ और लफ्ज़ों में खामोशी दे गई,
लेकिन अनकही बातों की दर्दभरी फ़ेहरिस्त दे गई!

दुआ में खुद और ख़्वाहिश में मन्नत का धागा दे गई,
सिंदूर के हक़ में वो लेकिन अपना सबकुछ दे गई!

रूह में मोहब्बत और मोहब्बत की एक मिसाल दे गई, _राज सोनी
सबकुछ छीन के मुझसे लेकिन वो अपना दुपट्टा दे गई!

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23 SEP 2018 AT 9:14

मेरे हिस्से के, बचे रंग को, चल.........!
तेरे हिस्से के, बचे रंग से, मिलाते हैं।

जो नई रंग, बन जाए, क्यों ? न........,
उन से, एक हसीन, तस्वीर बनाते हैं।।

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5 MAR 2021 AT 16:50

तस्वीर मिल गई

(कैप्शन में पढ़ें)













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20 JUN 2017 AT 0:22

बिछड़ कर तेरी याद में हम आंसू बहा लेते है,
पर तेरे अश्क़ भी मेरे नसीब में नही!

दीवार पे टंगी तस्वीरे जवाब नही देती।

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18 MAY 2021 AT 20:02

जब भी गुजरा यादों के गलियारे से,
तस्वीरों के दरमियाँ मैं भटकता रहा!

कंही पैर थमे,
कंही कैद हुए,
कंही मुस्कुराया,
कंही खड़ा बस सिसकता रहा!

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25 JAN 2020 AT 9:21

तेरी तस्वीर बनाने में थोडा वक्त लगाया हैं
तस्वीर पुरा होने पर खुदको तुझमे पाया है

उठे हजारों सवाल मुझपर,अंधकारो का साया है
डटकर खडी रही हरदम,तुझको जवाब बनाया है

दुनिया से लड़ना तुमने मुझे सिखाया हैं
किसी चीज से मुझको डर नहीं क्योंकि मुझपर तेरा साया है

हर मोड पर लोगों ने मुझे आजमाया है
पर शुक्र है,सही गलत का फर्क तुमने मुझे बताया हैं

हर किसी ने छोड़ दिया साथ बस तुमने साथ निभाया हैं
हमेशा मैने माँ, तुझको खुद में पाया हैं

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10 SEP 2017 AT 21:49

Wallet में सिक्कों के साथ,
और एक अमानत रक्खी है,

तेरी तस्वीरों से भी प्यारी,
तेरी एक लिखावट रक्खी है।।

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24 JAN 2020 AT 14:18

रोश़नाई जो गिरी तेरी तस्वीर बन गई
ये मोहब्बत ख़्वाबों की ताबीर बन गई

बेवजह यूँ मुझसे अपना दामन छुड़ाया
तेरी बेरुख़ी ही हाथों की जंजीर बन गई

जो मुस्कान देख ख़ुश हुआ करता था मैं
वो मुस्कान किसी ग़ैर की जागीर बन गई

ख़ुद ही लगाई रिश्तों की ईंट "आरिफ़" ने
वो मंज़िल किसी और की तामीर बन गई

गिरा देता ये रोश़नाई "कोरे काग़ज़" पे मैं
अगर गिरना ही कलम की तक़्दीर बन गई

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20 AUG 2020 AT 16:19

,
आज भी क़ैद है मेरे दिल में
हमारी पहली मुलाकात की ।

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11 MAR 2019 AT 17:16

अक्सर,
मैं तुम्हारी तस्वीर से बातें करती हूँ
तुम्हारी खूबियाँ, मेरी खामियाँ,
गिनके रातें खर्च करती हूँ।

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