Babu Gangiya 22 JAN 2018 AT 7:29 ज़रूरते भी जरूरतो से ज्यादा शिकायते करने लगी हैकमाया दो पैसा नही और आज हिदायते करने लगी हैसुझाव देती हमेशा से कुछ खनकती टकसालों के खनक सी ख़्वाब अधूरे देख अब जमीन पर मेरे लिए आयत बनाने लगी है.!! - Parul Sharma 21 JAN 2017 AT 11:42 एक बङीटकसाल है मेरे आँशुओं की एक यही कीमत है इश्क,वफा,तन्हाई,चाहतों, ख्वाव व ख्वाइशों की फिर भी रही सदा यही कहानी दिल में थमे तो खामोशी, आँखों में उमड़े तो मोती बह जाये तो पानी।। - Tripathi Gaurav 29 JAN 2021 AT 16:41 टकसाल के अँधे को सब सिक्का ही सिक्का दिखता है। - Raj Nayak 3 JUN 2021 AT 7:25 मेरी जिंदगी की हर इक खुशी,इक सिक्के जैसी हैं......और वो मेरी टकसाल ...... - Ravi Kumar Shaw 1 MAR 2018 AT 12:53 " सत्ता के आदि हम "सत्ता के आदि हमरोज नये नये परिवर्तन लाएंगे|तरह तरह के सस्ते लोभ देकरसाधारण जनता को मुर्ख बनाएंगे|सत्ता के आदि हम लम्बे लम्बे झूठे वादे कर जाएंगे |जीत का स्वाद चखने के लिए तीर्थ स्थल पर मस्तक झुकाएंगे|सत्ता के आदि हम विकाश राह में बाधक बन जाएंगे |जनता को भ्रमित करके ब्लेकमनी का टकसाल बनाएंगे|सत्ता के आदि हम दुश्मनों से निःसंकोच हाथ मिलाएंगे|बड़े - बड़े घोटाला करके आम जनता को निर्धन बनाएंगे |सत्ता के आदि हम आपस में विनाशक दंगे कराएंगे|लम्बे लम्बे डिबेट करके दो दिन में फिर नये मुद्दे लाएंगे| -