तेरी हंसी पे सब कुछ लुटाने को जी चाहता है तुझे देख के बस तुझे ही देखूँ निगाहों में तुझे भरने का जी चाहता है यूँ तो कुछ नहीं है दिल के खाली मकान में पर तुझे देखती हूँ तो बसाने को जी चाहता है " Raag "
उनके आगोश में सिमटने को फिर जी चाहता है, सोए हुए अरमान जगाने को फिर जी चाहता है, वो राज़ी हो के न राज़ी मेरी इस बात से मगर, आज उनको अपनी धड़कन सुनाने को जी चाहता है।