QUOTES ON #जिंदगानी

#जिंदगानी quotes

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7 JUN 2020 AT 8:08

रातभर भीगता रहा तकिया आंखों की नमी से,
कोई क्यों कर यूँ इतना बेहिसाब याद आता है?

दरवाजे पर हर दस्तक पर दिल धड़क जाता है,
कोई क्यों किसी का यूँ बेसबब इंतजार रहता हैं?

इबादत में सर झुकता है रब को सजदा के लिए,
कोई क्यों ख़ुदा की जगह वो ही नजर आता है?

मिलने से पहले सोचते है करेंगें बेशुमार यूँ गुफ्तगू,
कोई क्यों कर रूबरु होते खामोश हुआ जाता है?

तकाजा है कि जियारत करें तो कुछ फ़ज़ल मिले,
कोई क्यों उसे उसका आगोश ही हज लगता है?

हर पीर, नजूमी का फरमान है कि कोई चारा करें,
कोई क्यों कर उसकी बांहे मन्नत का धागा लगता है?

खबर है उसे, नहीं हो पाएंगे एक इस जिंदगानी में,
कोई क्यों कर "राज" नाउम्मीद में उम्मीद रखता है? Mr Kashish

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बंदिशों से परे शायद कहीं
पहाड़ों के उस पार एक
छोटी सी जिंदगी
मुसकुराती हुई
खड़ी हैं !!!
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सुकुन भरी निगाहें उधर
ही देख रही हैं स्वछन्द
सरफिरे हवाये चल
रही हो, और मुझे
खुद में ही लपेटे
जा रही हैं!!!


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22 JUN 2019 AT 19:01

💕रूह-ए-जिंदगानी हर वक्त मेरी आँखों में बसी रहती है,
औ रूख़्सार मेरे गुलआजार किये जाती है!!!

वो और बात है कभी हमशीर,कभी हमरिश्त, कभी अत्फ़ाल, कभी हमनशीं तो कभी हमसफ़र का चोला पहन आती है!!💕

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2 JUN 2019 AT 9:40

लाज़मी था उनका बोलना भी,

वो क्या समझते जो खुद किसी के नही हुए।।

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10 NOV 2019 AT 19:25

अब क्या तुझें ये जिंदगानी चाहिए,
आरजू थी..........
जिन्हें कल तक आग होने की,
आज उन्हें भी पानी चाहिए,
कैसी रीत हैं ये दुनियां की,
कि जागें हम..सोये वो,
जब नींद सबकी अपनी हैं,
तो सबकों आनी चाहिए।

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17 OCT 2019 AT 9:34

ख़ुद से ख़फ़ा होकर,
अब ज़रिया ढूंढ रहें थे,
हम अंदर से ही ख़ामोश थे,
पता नही बहार क्या ढूंढ रहें थे।

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2 AUG 2018 AT 17:31

इश्क के नाम पे कहीं तवायफ़ है, तो कहीं मुजरे हैं,

जितनी जिंदगानियाँ सवरी है, उतने ही उजड़े है ।


गली-ए-इश्क में आब-ए चश्म की कीमत क्या है,

हमसे पूछिए , हम अभी- अभी वहीं से गुजरे हैं ।।

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4 OCT 2019 AT 21:12

-इंतेज़ार 🐾

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27 MAR 2019 AT 21:34

पल दो पल की ये ‌ज़िन्दगानी,
पल दो पल की हमारी कहानी,
पल भर में ये पल बीत जाएगा,
क्यों ना इस पल को बना लें एक याद सुहानी।

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14 APR 2019 AT 8:46

अलग अलग पनीर है सब की जिंदगानी में
हर कोई फँसा पड़ा है किसी चूहेदानी में

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