QUOTES ON #ज़िन्दगी

#ज़िन्दगी quotes

Trending | Latest
7 OCT 2020 AT 23:11

ज़िन्दगी में आँसुओं का ग़म नहीं
मौत को क्या रास आए हम नहीं

चल सको तो चल ही देना साथ में
इश्क़ में तो मंजिलें भी कम नहीं

वाक़िआ मैं क्या सुनाऊँ इश्क़ का
रो रहा हूँ आँख भी अब नम नहीं

बद-नसीबी कह रही है सुन भी लो
क्या दुआओं में ज़रा सा दम नहीं

शहर 'आरिफ़' का नहीं है इस तरफ़
हम-सफ़र क्या बस वही है तुम नहीं

-


23 JUN 2019 AT 21:35

कुछ कहानियां "बीच" से शुरू होकर,
"शुरुआत" पर खत्म होती हैं ।

-


4 JUN 2019 AT 21:36

बिखर जाती हूं, या बिखेर देती हूं,
ज़िन्दगी को संभालना नहीं आया अभी।

-


17 JUN 2019 AT 22:40

अब मैं पाता हूँ कि मैं सभी से छूट गया। ना...... किसी ने मुझे छोड़ा नहीं और न ही मैंने किसी को छोड़ा। बस लोग नयापन चाहते रहे और मैं पुराना, भ्रांति के कीचड़ में सना हुआ और अतीत की गर्द में लिपटा। मेरी सहजता समाप्त होती रही, धीरे-धीरे। पहले जैसा सहजता का भाव ख़त्म हो गया सभी के साथ। सहजता का घटता क्रम ही, छूटने की हरी झंडी होती है और मैं दुर्भाग्यवश उस झंडी तक पहुँच गया। वक़्त कितना निष्ठुर है ना, ठहरकर अफ़्सोस भी नहीं करने देता, अपने ही प्रिय जीवन पर।

-


13 JAN 2019 AT 10:23

Paid Content

-


11 JUN 2020 AT 13:01

चमन में भले कोई माली नहीं हैं,
नशेमन गुलों का तो ख़ाली नहीं हैं,

कलम हाथ में है, नशा है ग़ज़ल का,
शराबों की हाथों में प्याली नहीं है।

तू था बेवफ़ा तूने साबित किया है,
मेरा ये यक़ीं बदख़्याली नहीं है।

नहीं माँगते जाओ तुमसे भी अब कुछ,
के आशिक़ है दिल ये, सवाली नहीं है।

इज़्ज़त नहीं गर, तो तोहमत सही पर,
ये दामन हमारा भी ख़ाली नहीं है।

अगर कह दिया उसने मर जाएँगे हम,
कभी बात ज़ालिम की टाली नहीं है।

हमें क्या भला कौन क्या कर रहा है,
ज़माने की हमको स्याली नहीं है।

चुँधया गईं 'साज़' आ़खें सभी की,
यहाँ घर जलें हैं, दिवाली नहीं है।

-


10 DEC 2018 AT 13:21

काश के भूका न सोए फिर कोई बच्चा यहाँ...
ज़िंदगी आसान इतनी हो अगर क्या बात हो !

दफ़्न होती हो जहाँ नफ़रत, अदावत, दुश्मनी...
एक क़ब्रिस्तान ऐसा हो अगर क्या बात हो !!

کاش کہ بھوکا نہ سوئے پھر کوئی بچّہ یہاں
زندگی آسان اتنی ہو اگر کیا بات ہو

دفن ہوتی ہو جہاں نفرت، عداوت، دشمنی
ایک قبرستان ایسا ہو اگر کیا بات ہو !!

-


10 APR 2022 AT 12:09

कितना आसान है महान बनना।
एक विचार सोचो, उसे रोज और बेहतर बनाओ,
और उसमे अपनी ज़िन्दगी बिता दो।

-


2 JUL 2020 AT 9:11

तुम्हें वक़्त के साथ चलना पड़ेगा,
बदलेगी रुत तो बदलना पड़ेगा,

नहीं आए गर थामने हाथ कोई,
तो गिरके तुम्हें ख़ुद संभलना पड़ेगा।

ये राह नेक है कारवाँ न मिलेंगे,
तुम्हें तन्हा घर से निकलना पडे़गा।

करी है हवाओं से ये दुश्मनी जो,
श'मा तेरी लौ को मचलना पड़ेगा।

चिराग़ो ने चाहा मिटा दें अंधेरे,
मगर रात भर उनको जलना पड़ेगा।

-


9 DEC 2018 AT 9:41

जो चाहा ज़िन्दगी में वो मिला ही नहीं
जो मिल गया उसकी कोशिश भी कहाँ की

-