QUOTES ON #चिट्ठी

#चिट्ठी quotes

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29 JUN 2020 AT 17:04

दरारें थीं दीवारों में, चू रही थी छत, टूट रही थी खिड़की नहीं लिखी,
परदेस में बेटे को, माँ ने ख़त में, कोई भी ख़बर सच्ची नहीं लिखी!

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20 JAN 2018 AT 14:53

वो इंतज़ार की कशिश,
उंगलियों का फिराना,
लबों से चूमना,
ख़ुशबू से तर हो जाना,
वो सबसे छुप छुपा के
लफ़्ज़ों के जादू में खो जाना
याद आ रहा है आज फिर
वो चिट्ठियों का ज़माना 💕

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वो चिट्ठी भी नहीं देके गया ,
ना जाने कैसा दर्द लेकर गया ।

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मसरूफियत के पल ना जाने कब जाएंगे ।
चिट्ठी आती रहती है ना जाने वो कब आएंगे।

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30 JUN 2019 AT 12:14

मचलता दिल ये मिरी जान ख़त के आने से
हुआ रोम - रोम गुलिस्तान ख़त के आने से

जहाँ जहाँ बैठकर तिरा इंतज़ार किया मैंने
चमक उठा हर वो निश़ान ख़त के आने से

जिसे जिसे भी तूने कभी-कभी तव़ज्जो दी
खिल उठा हर वो इन्सान ख़त के आने से

मिरी गज़ल में इश़्क तिरा जब भी लिखता हूँ
महक उठता है हर अरक़ान ख़त के आने से

मुन्तज़िर था कि कभी तो दिखेगा रहगुज़र मिरा
अब आई है कदमों में मिरे जान ख़त के आने से

ख़्वाब देखे थे जो तिरे साथ मैंने जीने मरने के
अब पूरे होंगे वो सारे अरमान ख़त के आने से

कुछ लोग थे जो हमें तब पहचानते भी ना थे
अपने हुए वो सारे अन्जान ख़त के आने से

"कोरा काग़ज़" है और ज़िन्दा भी है "आरिफ़"
मिल गई उसको सही पहचान ख़त के आने से

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17 AUG 2019 AT 11:47

पत्र
हाँ तो प्रारम्भ सुबह से करता हूँ उठते ही तुम्हारी रात की कही हुई कुछ बातें याद आती हैं , कि उठ कर थोड़ा टहल कर आया करो , खाली पेट नही रहा करो , चाय पिया करो अच्छी होती है पर खाली चाय ही मत पिया करो उसके साथ कुछ खा लिया करो , नही तो नुकसान करती है ,बिल्कुल हाकिम की तरह समझाती हो न , सुबह उठ कर सबसे पहले तुमको शुभप्रभात बोल कर सब करता हूँ मैं , खुश रहने को बोला था न तुमने देखो अब खुश रहता हूँ , समय पर खाना भी खाता हूं मन मे कुछ हो तो ये दोस्त मैं सब तुम्हे बताता हूँ , कहने को तो बातें पहले भी होती थी पर सोचा नहीं था कि इन कुछ दिनों की बातें से मुझे एक ऐसा दोस्त मिलेगा जो मुझे समझेगा , मुझे सुनेगा और समझायेगा , गलती करूँगा तो डाँट भी लगाएगा , घमंड तो नही करता मैं लेकिन कभी कभी हो जाता है कि भगवान नें बड़े चुन चुन कर दोस्त दिए है मुझे , बचपना तो तुम में भी कम नही है , पगलिया ही हो एक दम न कुछ भी सोचने लगती हो , और हाँ ज्यादा न सोचा करो वो क्या है न तुम ही अकेली नही हो कोई और भी है जो अकेला बैठा है सिर्फ तुम्हारे लिए , तुम्हारे ख़्वाबों को पूरा करेगा वो समझी आएगा तुमको दुल्हनियां बना कर ले जाएगा खुश रहा करो , और ऐसे ही झल्ली सी बनी रहो ।

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29 AUG 2020 AT 15:01

वापस ले आया डाकिया चिट्ठी मेरी..
बोला पता सही है,,
बस लोग बदल गए..__!!

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27 AUG 2020 AT 17:33

वापस ले आया डाकिया चिट्ठी मेरी,
बोला पता सही था

मगर लोग बदल गए थे.....

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20 JAN 2019 AT 23:36

मै चिट्ठी धूप
कि कोई और तुम
पता छांव का

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12 APR 2019 AT 23:24

वो तो अब भी सच केहती है
बस्स लिखावट बदल सी गयी
मोहब्बत अभी भी वैसी की वैसी है
होठों के निशान दिल में अब तक छाए हुए है

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