QUOTES ON #गब्बर

#गब्बर quotes

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17 FEB 2017 AT 16:24

तुम बसंती की बकबक हो
मैं ठहाका गब्बर का

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21 OCT 2019 AT 22:47

'वो' एक था...!!
और तुम सात-सात..
फिर भी वही 'चमक' रहा है...!!

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2 OCT 2020 AT 19:09

एक अलग ही इबारत है उसके अल्फाज में
लिखे जो असद किर्तास पर बोल उठे ग़ज़ल
लडीयो से ज्यादा बहाव है उसके हरे एक लफ्ज़ पर
कोई कैसे बचा रहें उसके कलम की धार तक

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गब्बर :- अरे ओ सांभा! ये कोंन लोग है
जो post पढ़के भी Like नहीं करते ?
सांभा :- सरकार ये वही लोग है,
जो miss call दे कर भी
बैलंस चेक करते है !!

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26 MAY 2020 AT 12:34

गब्बर- ह रि ओ साम्बा! ,,, ई चाइना वाले करोना को कौने चक्की का आटा खिलाए हैं रे?😳🙄
साम्बा - काहे सरदार?🤔
गब्बर- चम्बल के प्रचंड गरमी में भी इसका चरबी नही गल रहा भाई🥴🥴🥴🥴🥴
हमारा तो चमड़ी तक जल के छाई हो गया रे । 😵😵😢🥵🤢
(साम्बा अन्सर लेस🤔🤐🤔🙄😷😷
मास्क पहन कर टीले पर सोच रहा)
लिली 😝🤪

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20 MAR 2020 AT 23:23

गब्बर सिंह (शोले वाले) : - जब दूर कहीं गांव में कोई बच्चा रोता है तो उसकी मां कहती हैं

सो जा बच्चा सो जा वरना corona आ जाएगा


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15 NOV 2019 AT 19:55

(Exam time गब्बर की एन्ट्री)
गब्बर:-अरे ओ शामभा! इतना सन्नाटा क्यों है
शामभा:-सरकार,कल से rgpv वालो के exam है।
गब्बर:-तो कह दो rgpv वालो से कल गब्बर आ रहा है पेपर देने।
शामभा:-गुस्ताख़ी माफ़ सरकार, पास भी होना पड़ता है।
गब्बर:-तो बुलाओ बसंती को सुना है बहुत अच्छा लिखती है।
शामभा:-बहुत अच्छा दिखती भी है सरकार☺☺
गब्बर:-तो कह दो rgpv वालो से अब गब्बर बसंती के साथ पेपर देगा।।☺☺

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9 AUG 2021 AT 22:54

#Shivam_dubey_cocki
थोड़ा सब्र करो प्रधान साहब
जिस दिन हम बाजार में आएंगे
उस दिन बसन्ती की छोड़ो गब्बर
भी नाचेगा

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29 NOV 2020 AT 1:45

कुछ कहूं........
कुछ राबता जो हो तो उससे कुछ कहूं,
वोह दर्द पूछे में इश्क़ कहूं।

अगर नादानियों शैतानियों से में नाराज़ हूं,
वोह मर्ज पूछे में इश्क़ कहूं।

उनकी मुस्कान के लिए में जो बेसब्र हूं,
वोह राज पूछे में इश्क़ कहूं।

थमती धड़कन और बढ़ती सांसे जो सहुं,
वोह वजह जो पूछे में इश्क़ कहूं।

उसकी वजह से बेचैन और बेरंग बैठा हूं,
वोह सज़ा पूछे में इश्क़ कहूं।

वोह अक्सर मेहरबां होती है में निसार होता हूं,
वोह रजा पूछे में इश्क़ कहूं।
#gabbarthinks

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22 MAY 2020 AT 16:40

गब्बर बोला
हम तेरे हैं
नाच बसंती।
जय-वीरू से
नाता तोड़ो
ढोंग रचाते।
चिकनी-चुपड़ी
बातों से यह
हैं भरमाते।
घर से बेघर
किया इन्होंने
बंद कराकर-
सिर्फ दिखाते
प्रेम तुम्हें बन
जग बासंती।
छाले तेरे 
पैरों के यह
सत्ता देंगे।
रोजगार सँग
जीवन पर्यंत
भत्ता देंगे।
सांभा कहता
मंजिल तेरी
कदम तले है-
लड़ो लड़ाई
संग खड़ा है
दक्ष महंती।
फटे बिवाई
सरकारों के
ऐसा करना।
शुभ चिंतक हम
संग हमारे
हरपल रहना।
क्षणिक प्यार से
हरपल तुमको
मग्न करेंगे-
पर पूरक हम
प्रथा पुरातन
तज सामंती।

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