QUOTES ON #कश्मीर

#कश्मीर quotes

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5 AUG 2019 AT 19:10

जब तक गंगा मे धार, सिंधु मे ज्वार,
अग्नि में जलन, सूर्य में तपन शेष,
स्वातंत्र समर की वेदी पर अर्पित होंगे
अगणित जीवन यौवन अशेष।

अमेरिका क्या संसार भले ही हो विरुद्ध,
काश्मीर पर भारत का सर नही झुकेगा 
एक नहीं, दो नहीं, करो बीसों समझौते
पर स्वतंत्र भारत का निश्चय नहीं रुकेगा

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1 JUL 2019 AT 14:22

नहीं, द्वार नहीं खोलूँगा ।
बाहर जो
चेहरों की
नामों की
आवाज़ों की भीड़ है
उसका नहीं हो लूँगा ।
द्वार नहीं खोलूँगा !



[ शशिशेखर तोषखानी ]

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2 JUN 2020 AT 8:02

काश.. कभी ऐसा भी हो जाए...

आसमान में पूरा चाँद हो, बाड़मेर का रेगिस्तान हो,
रेत के उस ऊंचे टीले पर, तुम अनायास आ जाओ!

बेहद हसीन फिज़ा हो, कश्मीर की रूमानी वादी हो,
करूँ मैं तेरा इंतजार और तुम शिकारे में आ जाओ!

मोहब्बत की नायाब मिसाल हो, आगरा का ताज हो,
पुकारूँ तुम्हे दिल से, तुम मुमताज बन के आ जाओ!

तेरी कलाई का नाप हो, हैदराबाद का चूड़ी बाजार हो,
खनकाउं मैं खन-खन चूड़ियाँ, तुम पहनने आ जाओ!

शिव की अदभुत बारात हो, उज्जैन के महाकाल हो,
सोचूँ अगर तुमको और तुम दुल्हन बन के आ जाओ!

पूर्ण आध्यात्मिक का माहौल हो, बनारस का घाट हो,
करूँ ईश्वर को याद मैं और तुम दर्शन देने आ जाओ!

मदमस्त होली के रंगों का त्यौहार हो, मथुरा का धाम हो,
बन जाऊं मैं तेरा माखनचोर, तुम राधा बन के आ जाओ!
_राज सोनी

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18 AUG 2020 AT 12:10

घूँघट के पर्दे से दबी
घर के बर्तनों की आवाज़

अंदर के खराब मौसम पर
गुलाबी होंठों की हँसती भाप

ये भाप कभी हटती नहीं
ना किसी मौसम,
कपड़े,
ना नीर से

दुनिया बेखबर
एक और कश्मीर से।

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25 JUL 2017 AT 11:54

डल झील में शिकारे पर बैठ देखा चार चिनार,
निशात बाग से डल झील पर सूरज का विस्तार,

ना जाने कब ये फिज़ा सुलग के बारूदी हो गई


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24 AUG 2020 AT 14:58

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25 JAN 2021 AT 20:28

मैं उस कवि पर मुग्ध हूँ जिसने यह कल्पना की होगी कि पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी है। सैकड़ो साल पहले जब न पृथ्वी के घूमने का रहस्य पता था न ही उस रहस्यमयी जीव के बारे में कुछ ख़ास पता था तो यह कल्पना कवि के जिज्ञासु मन की ख़ूबसूरत उपज थी।

समस्या उन मूर्खों की है जिन्होंने रहस्यों का पता चलने के बाद भी इस कल्पना को वास्तविक माना।

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29 JAN 2021 AT 19:11

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19 JUN 2018 AT 16:18

रमज़ान हो या चाहे होली हो,
पत्थर का जवाब बस गोली हो।

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22 JUL 2018 AT 23:49

तुम भी अब कश्मीर सी हो चुकी।
हुस्न के इतने सारे पहरेदार जो बैठे हुए।

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