काश.. कभी ऐसा भी हो जाए...
आसमान में पूरा चाँद हो, बाड़मेर का रेगिस्तान हो,
रेत के उस ऊंचे टीले पर, तुम अनायास आ जाओ!
बेहद हसीन फिज़ा हो, कश्मीर की रूमानी वादी हो,
करूँ मैं तेरा इंतजार और तुम शिकारे में आ जाओ!
मोहब्बत की नायाब मिसाल हो, आगरा का ताज हो,
पुकारूँ तुम्हे दिल से, तुम मुमताज बन के आ जाओ!
तेरी कलाई का नाप हो, हैदराबाद का चूड़ी बाजार हो,
खनकाउं मैं खन-खन चूड़ियाँ, तुम पहनने आ जाओ!
शिव की अदभुत बारात हो, उज्जैन के महाकाल हो,
सोचूँ अगर तुमको और तुम दुल्हन बन के आ जाओ!
पूर्ण आध्यात्मिक का माहौल हो, बनारस का घाट हो,
करूँ ईश्वर को याद मैं और तुम दर्शन देने आ जाओ!
मदमस्त होली के रंगों का त्यौहार हो, मथुरा का धाम हो,
बन जाऊं मैं तेरा माखनचोर, तुम राधा बन के आ जाओ!
_राज सोनी
-