इस्लाम को पढ़ने और समझने की जरुरत है. मध्यकाल के सल्तनत विस्तार को इस्लाम से ना जोडे़. इस्लाम विस्तारवादी नहीं होता है. इस्लाम; ईमान और इंसानियत का पैरोकार है.
एक मंदिर का महंत किसी दलित को मंदिर में जाने से जिस समय रोकता है वो अपराधी हो जाता है, क्योंकि रोम-रोम में रमने वाले ईश्वर किसी के साफ दिल को देखते है. उन्हें सबरी का जूठा बेर भाने लगता है. उस सत्ता को निषाद की दोस्ती, भील गुह का साथ स्वीकार है.
जब आप बोलते हैं, उस दौरान आप उन्हीं जानकारियों को दुहराते हैं जो पहले से पता होती हैं. कहने का मतलब जब आप बोलते हैं तो उस समय अपनी जानकारियों के कूपमंडूक बने रहते हैं लेकिन जब आप किसी को सुन रहे होते हैं तो आप नई जानकारियां हासिल कर रहे होते हैं. Out of box thinking की तरफ बढ़ रहे होते हैं.
अमीर खुसरों एक आदर्श लेखक थे. जिन्होंने साम्प्रदायिक नीतियों को दरकिनार कर अपने मुल्क की महानता और जन्मभूमि की गाथा को बड़े ही सहज तरीके से बयान किया था.
पर्यावरण में अगर शुद्ध हवा नहीं मिल रहा, तो इसका जिम्मेदार कौन है? प्रदूषण की समस्या जीवन को जोखिम में डालने वाली समस्या है. समय रहते अगर इससे निजात नहीं पाया गया तो विनाशकारी और जानलेवा हो सकती है.
आतंकवादी संगठन अगर इस्लाम के जिहाद और नाम का गलत इस्तेमाल( Misuse) कर रहे हैं तो ये सही समय है कि साफ-सुथरे इस्लामी लोग इस बात को गंभीरता से ले. अगर संभव हो तो आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी करें. #ओजसमंत्र#Islamophobia