अप्पू की डायरी का ख़त है ये,नीचे लिखा,
शीर्षक: उस तरफ,
“कितनी खूबसूरत होगी तुम जो रहती हो उस तरफ,कितना खूब लिखा होगा उसने तुझे जो तुम रहती हो उस तरफ,सुबह का चैन और रात का आराम क्या नायाब जिंदगी होती होगी उस तरफ,कितना रंगीन होगा उस तरफ जो तुम रहती हो उस तरफ,क्या खता रही होगी मेरी,जो जन्म लिया मैने इस तरफ,मुझको भी समजाना जो मै आ सकी कभी उस तरफ,कैसे करते हो तुम उस तरफ,जब कभी कोई कहता है तुमको सुन्दर उस तरफ,क्या है वो अहसास जो होता है महसूस जब करे कोई तारीफ़ नि:स्वार्थ तुम्हारी उस तरफ,
जिस्मानी नही ज्जबाती होती होंगी बातें उस तरफ, तभी मिलते नही ज्जबात रुह के इस तरफ,
ना जाने कौन सा पानी बहता होगा उस तरफ की मै कहलाती हू मैली इस तरफ”
आगे बहुत पन्ने है लिखे उसने समय रहा तो बतलाउंगा...
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