मैंने चाहा तब की बात,
वर्ना तुमने कब की बात!
याद तुम्हे बस आज का दिन,
भूल गई तुम तब की बात!
छीन के मुझसे मेरा दिल,
पूछे वो ये कब की बात!
फ़िर पंचायत बैठेगी तो,
होगी बेमतलब की बात!
अपनापन भी खो बैठोगे,
छोड़ो भी तकरार की बात!
दो पल की यह जिंदगानी,
कर लेते हम प्यार की बात!
_राज सोनी
-