QUOTES ON #इश़्क

#इश़्क quotes

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8 JUL 2019 AT 9:01

क्या कहता क्या सहता इश़्क की तड़प
क्या लिखता क्या सुनता इश़्क की तड़प

कभी लैला-मजनूँ के प्यार की निशानी है
चुप रहकर ही सब सहता इश़्क की तड़प

दिलों में मोहब्बत भी सब इसी से आती है
दिल में अपने क्यों ना रखता इश़्क की तड़प

इसने दिल भी तोड़े हैं ना जाने कितनों के
मन से ओझल कैसे करता इश़्क की तड़प

आओ भीग जायें प्यार की बारिश में दोनों
अब बिन बारिश कैसे चलता इश़्क की तड़प

इश़्क है तो इसका होना ज़रूरी है "आरिफ़"
हर दिल फ़िर भी है भरता इश़्क की तड़प

"कोरा काग़ज़" है हर ज़िन्दगी बिना इसके
अल्फाज़ भी है मरता, ये है इश़्क की तड़प

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6 JUN 2019 AT 20:41

ज़िन्दगी में हमनें इश़्क का कमाल देखा
अपने महबूब की आँखों में सवाल देखा

मैं उनसे कभी नज़रें नहीं मिला पाता हूँ
पर उनके मन में मिरे लिए ख़याल देखा

बेरुख़ी में कट रहे थे अब तक सारे दिन
मिरी याद में उनका चेहरा मैंने लाल देखा

मयस्सर था उनके हर फैसले में "आरिफ़"
जुदाई के ग़म में ऐसा ना उनका हाल देखा

हम दोनों हर सूरत में मिलना ही चाहते थे
पर दुश़्मनों का हमारे लिए बना जाल देखा

उसके होने से मिरी दुनिया में कुछ होता है
उसका ही ख़्वाब दिन-महीने और साल देखा

लिख दिये तमाम "कोरे काग़ज़" मिलने वाले
कलम में मिरी उस वक़्त मैंने इक जमाल देखा

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25 MAR 2019 AT 17:24

तपिश इश्क़ की, फितूर कुछ जुदा सा लगता है,
रूह में जज़्ब तेरा खयाल क्यूंँ ख़ुदा सा लगता है !




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24 MAR 2019 AT 10:53

भटक रहे थे खयाल दर-ब-दर इश्क की गलियों में,
यकीनन ख्वाबों का हकीकत से वास्ता नहीं होता !

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16 JUL 2017 AT 10:07

एक अरसा बीता है या बीती है एक उम्र,
कब से मेरी तुम्हारी कोई बात नहीं हुई;
वो जो बीती कईं बार बस बातों ही बातों में,
जाने कब से वैसी कोई रात नहीं हुई;
भिगा जाये जो हमें एहसास-ए-मोहब्बत में,
ऐसी जम कर जो बरसे वो बरसात नहीं हुई;
हाँ जुड़ते रहे पन्ने दिल की किताब में फख्त,
मेरी-तुम्हारी कभी कोई मुलाकात नहीं हुई!

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30 JAN 2020 AT 14:59

वो रूह झकझोर दे,
तुम्हारी तो कहना..
बिस्तर की सिलवटों को,
कभी इश़्क नहीं कहते...!

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18 MAY 2020 AT 18:01


मैं इश्क़ नहीं
प्यार हूं
कितना भी जला
रात को रो रो कर भी
सुबह तुझसे
प्यार ही करेगे

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10 JUL 2017 AT 13:47

खामोश़ी अपनी बातों में छिपाता है,
कोई हाल-ए-दिल सबको नहीं बताता है!
वक्त थम सा गया है किसी के लिए,
कोई घड़ी देख-देख घड़ियाँ बिताता है!

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11 JUN 2017 AT 2:00

सुनो!
सब सुन लेंगे गर कहा तुमने कि इश़्क है,
लग जायेगी नज़र जमाने की;
तुम खामोश़ी से ही इज़हार-ए-मोहब्बत किया करो।

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11 JUN 2017 AT 1:24

इश़्क में तेरे मैं कुछ इस कदर बर्बाद हुआ,
हर दर सजदा किया तुझे पाने को...

दर-दर भटका, टकराया,
टूटा और ख़ाक हुआ।

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