Arvind Mishra 8 JUN 2021 AT 7:44 रूह-अफ्जा शर्बत की बोतल तो नही देखि हमने....हाँ उसे लाल साड़ि में ज़रूर देखा है... - Aravind Patel 1 JUN 2020 AT 22:02 इतनी नफ़रत करोगी तो मुमकिन है कि मैं मर ही जाऊँ, कि गहरे ज़ख्मों में इंसान कहाँ जिंदा रहता है...! - JYOTI RANA 1 JUN 2020 AT 22:34 तुम्हारे ज़ख्मों ने ही तो जिंदा रखा हुआ हैं मुझे अब तक, कि शायद लौट आओ वापस तुम बनकर मरहम...! - shahil sharma 28 MAY 2017 AT 20:10 इतनी भी तारीफ़े ना किया करो ,कही ऐसा न हो की , तारीफ करते - करते तक़दीर बन जाए , ओर उस तकदीर मे हम हो । - Durga Sharma 14 SEP 2019 AT 8:03 इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो ना हम चले नेक रस्ते पर हमसेभूलकर भी कोई भूल हो ना - shahil sharma 27 MAY 2017 AT 23:06 इतनी भी अदा से तुम न मुस्कराया करो क़ी ,हमें पता भी ना चले और हम मरीज-ऐ-दिल बन बैठे । - *प्रियतमा पहेली* 13 NOV 2020 AT 19:26 Paid Content - NITIN KUMAR KUSHWAHA 8 MAY 2020 AT 22:28 ऐसे ही नहीं कोई ख़ास है मेराभूल मत तू भी इतिहास है मेरा - Manju Jhariya 15 DEC 2019 AT 11:00 नही तो इतनी ठंडी में जम जाओगेखटारा कार की तरह थम जाओगे। - Shaurya Rajput 15 OCT 2019 AT 18:55 कभी तू उन्हें सपने देगाकभी वो देंगे राहतेबड़े लम्बे होते हैंये ज़िन्दगी के रास्ते। -