ऊपर वाले तेरे से एक विनती हैं, इंसान को बनाते समय अपना ध्यान कहीं और मत लगाना। पुतलों में "इंसानियत" का SOFTWARE Upload होने से पहले पृथ्वी पर आने मत देना।
कभी अनजान नहीं बना मैं, पर दुनिया को ज्यादा जान नहीं पाया मैं। पढ़ा तो मैंने भी बहुत कुछ था, ज्यादा कुछ समझ नहीं पाया मैं। "इंसानियत" का पुजारी था मैं, इंसानों को परख नहीं पाया मैं। अफसोस तो इसी बात का हैं, इंसानों को परख नहीं पाया मैं।।