QUOTES ON #इंसान

#इंसान quotes

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23 MAY 2019 AT 0:05

मुझे कुरेदा तो इंसां के चंद निशाँ मिलेंगे
मैं बहुत से हादसों से बना इक पत्थर हूँ

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13 NOV 2018 AT 15:17

यूँ तो इंसानों ने बदले हैं फ़ैशन बहुत
पर मुखौटा हमेशा ही पसंदीदा रहा है

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2 JUL 2021 AT 9:39

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20 NOV 2021 AT 6:35



आईने मे देखो सुरत।
और अतीत मे देखो सीरत।
1.एक मे चेहरे की।
2.दुसरे मे नीयत की।

दोनो मे सच्चाई नजर आते है।

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14 DEC 2020 AT 11:40

वक़्त को भी बेपर्दा हो जाने दो
जो घाव है उसे और निखर जाने ‌दो
गुनहेगार तो सब हैं यहां
पहले इंसान को इंसान बन जाने दो।।

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9 JUN 2020 AT 14:31

वे लिखते हैं हिंदू-मुस्लिम,
ठाकुर, बामन और पठान।

सब इक दूजे पर हँसते हैं,
जैसे ऊदई वैसे भान।

धरम-जात औ' वंश घराने,
बस इतनी सबकी पहचान।

जी करता है काट गिराऊँ,
धर्म-जात वाली चट्टान।

कागज-पत्तर फाड़के फेंकूँ,
सब बँटवारे के सामान।

नाम के खाने में लिख डालूँ,
केवल और केवल 'इंसान'।

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15 JUN 2020 AT 7:07

उसका दुख-मेरा सुख, ये खेल इंसा का यूँ गंदा होता है।
अपना समझे जो गैरों का दर्द, वो खुदा का बंदा होता है।

आजकल वो देखता है, सूरत भी हैसियत भी
"कौन कहता है" कमबख़्त, प्यार अंधा होता है।

दूसरों की जिंदगी से खिलवाड़ इश्क के नाम पे
अब तो ये बस, जिस्म-जिस्म का धंधा होता है।

मुमकिन नहीं मुकम्मल हों, सारे ख्वाब "नवनीत"
सच्ची मोहब्बत का हिसाब, थोड़ा मंदा होता है।


यूँ तो खुद का दफ्तर, आलीशान बनाता है वो नेता
पर बात जब मंदिर बनाने की हो, तो चंदा होता है।

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18 OCT 2019 AT 12:40

उससे कितना नज़दीक था वो कूड़ेदान
फिर भी साफ़ दीवार पर थूक गया इन्सान

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1 JUN 2020 AT 13:24

खूबसूरत सी प्रकृति, पशु बने इंसान,
मर रहा भविष्य, जानवर बन गया इंसान।।

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12 JUN 2020 AT 19:51

मुश्किलों को हौसले से, वो आसान बनाता है।
हारता नहीं अंधेरों से जो, वो पहचान बनाता है।

खटता है दिन रात खेतों में, पसीनें में लथपथ
हमारे खुराक का अन्न, जो किसान बनाता है।

फसल खराब हो तो, रोटी अखरती है उसको
निगरानी करने को खेत में, वो मचान बनाता है।

बारिश में छत टपकती है, उस मजदूर की
शहर में दूसरों के जो, बड़े मकान बनाता है।

रेखाएँ क्या कहती हैं, क्यूं उलझे हो "नवनीत"
अपने कर्म की रेखा, तो खुद इंसान बनाता है।

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