आंसू ही है जो जीवन भर हमारे साथ रहते है
दुख हो या सुख भावनाओं के रूप में बहते है
कभी सोचा न था इन आँखों से निकले
आंसू एक दिन व्यर्थ हो जाएंगे
अब तो यूँ लगने लगा है
की दिल तड़पता है
तो आंसू निकल
ही जाते है
हर दुख सह जाऊंगी पर आँसुओं को कैसे समझाऊंगी
लोग पढ़ लेते है मेरे आंसुओ से मेरा दर्द ना चाहते
हुए भी बयान कर जाते है मेरी मुहब्बत
की दास्तां जहां बहाये थे कभी
मैंने अपने बेशुमार
आंसू.....
कल तक इन आँखों से आंसू न गिरने दिया था
तुमने आज उन्ही आंसुओं से सौदा करने
चले ना जाने कहाँ से लाते हो तुम
इतनी नफरत की तुमने खून के
आंसुओं को भी पैसों में
तोल दिया...
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