सिर्फ़ तेरी रूह से मोहब्बत हम कैसे करें,
ज़िंदगी में तेरी मौजूदगी भी तो होनी ही चाहिए..!
हमारे रोने से अब दोस्तों को लुत्फ़ मिलता है,
लिहाज़ा हम को भी मुसलसल रो-नी ही चाहिए….!
ताउम्र बनी रहती है एक जैसी कसक,
प्यारी चीज को अक्सर हमें खो-नी ही चाहिए…!
एक फसल बर्बाद होने से, जमीं बंजर नही होती,
हमें दिल की जमीं पे, नई फसल बो-नी ही चाहिए..!
हम चाहे न चाहें, जो तय है, वो हो कर ही रहेगा,
सो जब भी आए, अपने हिस्से में रात,
हमें चैन की नींद, सो-नी ही चाहिए..!
सब जी रहें यहाँ,
ख़ुदा का दिया हुआ, एक निश्चित किरदार,
लिहाजा इबादत करने वालों,
हमें सब से मोहब्बत हो-नी ही चाहिए…!!
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