अधिक से अधिक शब्दों के ज्ञान से व्यक्ति की भाषा स्वयँ समृद्ध हो जाती है हम 'शब्द ज्ञान' की श्रृंखला के तहत आपसे शब्दों के अर्थ पर बात किया करेंगे इसकी पहली कड़ी की शुरुआत आपको करनी है
कोई ये कैसे बताये के वो तनहा क्यूँ है? वो जो अपना था, वो ही और किसी का क्यूँ है? यही दुनिया है, तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यूँ है? यही होता है, तो आख़िर यही होता क्यूँ है?