अभी-अभी तेरी ख़ुश्बू सी गुजरी हवा मुझे छू के कोई,
यूँ लगे के इस अज़नबी से शहर में, मुझसे मेरा पता पूछे कोई,
खवाईशें हैं के जैसे बच्चों से भरा आंगन,
औऱ उम्र है के हाथ से खिलौना.. छूटे कोई..,
अभी-अभी तेरी ख़ुश्बू सी गुजरी हवा, मुझे छू के कोई,
अज़ीब सी चाहतों में बसर करता है दिल,
मांग लूँ चमकते यह सारे, जो ईक सितारा टूटे कोई,
तेरी ख़ुश्बू सी गुजरी हवा मुझे छू के कोई,
यूँ लगे के इस अज़नबी से शहर में, मुझसे मेरा पता पूछे कोई..!
- मन की बातें -a.rana
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