अब न कहेंगे कुछ कभी किसी से, बस खुद में ही समेट कर गमो को रो लेंगे। नींद तो आती नही अब रातो में, नींद तो आती नही अब रातो में, कर बंद हमेशा के लिये आँखों को, अब तो अन्धेरो में लंबी नींद सो लेंगे।।
रात अँधेरी है, मग़र कुछ ख़ास नहीं, न जानें क्यों इसमें पहली जैसी कुछ बात नहीं! पहले होती थी जब रात अँधेरी कितनी खुशियाँ लगाती थी, ख्वाबों में फ़ेरी! न जाने क्यों अब इसमें ख्वाबों वाली बात नहीं है! क्या रात अँधेरी ख़ुशियों की सौगात नही है? - #spmaurya