"शब्द बन के जब आप अपनी कविताओं मे घूमते हैं,
लोगो को नहीं पता होता इसको लिखते कौन है,
क्या हुआ अगर इसे पढ़ने वाले ना जाने,
फिर भी हम उन कविताओं के शब्दों मे जीया करते है,
जिसे लोग हमें गुमनाम ही पढ़ा करते हैं,
अच्छा लगता है कभी-कभी गुमनाम मे भी रहना..
कुछ इस तरह हम अपनी कविताओं मे जीया करते हैं..."
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