दर्दों से रिश्ता मेरा गहरा होता जा रहा है।
जाने किसका हर सांस पे अब पहरा होता जा रहा है।।
सुना था दर्द सुनाने से खत्म होता है , मगर
मैं जिस-जिस को सुना रही हु, वो बेहरा होता जा रहा है।।
पता है जख्म वक़्त के साथ कम होते है, लेकिन
मेरा हर जख्म वक़्त के साथ और गहरा होता जा रहा है।।
कभी किसी को आजमाने की कोशिश कहाँ की मैंने।
अपने-आप बेनकाब हर चेहरा होता जा रहा है।।
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