आज एक बहुत ही अजीज मित्र से मुलाकात हुई, वक्त बातों में कब बीते जा रहा था ये समझ से परे था, तभी मित्र ने बड़े गर्विले स्वर में कहा यार तनिक GOOGLE पे हमारा नाम तो Search करो, तो हमने हमारे GOOGLE बाबा को उनके नाम की COMMAND दे डाली, तभी हूबहू उन्ही के जैसा चित्र सामने आया, एकाएक मित्र के मुख से निकला! क्यूँ मानते हो या नहीं! हमने जवाब दिया तुम तो छा गए गुरु!
अब बातों का सिलसिला आगे बढा तो हमने भी अपनी जैसे स्वर में कह दिया जरा हमारा SEARCH कर लो, थोड़ा व्यंग्यात्मक रूप में मुस्कुराते हुए उन्होंने हमारा नाम लिख दिया, देखते ही देखते हमारी लिखी पंक्तियाँ सामने आ गयी बस फिर क्या था हमने फिर से मौका-ए-दसतूर को ध्यान में रखते हुए कहा,
माना कि चेहरे पे रौनक है तुम्हारे, मगर हमारे शब्द भी कुछ कम नहीं है,
जीवन भर तो पहचान लिए जाओगे इस चेहरे से,पर क्या उसके बाद का भी कोई इंतजाम सही है? 🙏
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