मिलता है,वो जो दुआ में होता है,
कभी रोकता है कभी चला जाता है,
कहता था इश्क़ मुझसे नहीं होता,
चुप नहीं होता, जब वो रोता है,
ऐसा नहीं की मैने मुहब्बत नहीं की,
जिसे भी की,छोड़ कर चला जाता है
उसकी नज़र मुझे पर कैसे पेडे..?
काफिला चलता है जब वो निकलता है,
सोने के लिए बिस्तर सब के पास है,
कोई ज़मीन, तो कोई मखमल पर सोता है
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