सहना नहीं लड़ना सीखना चाहती हूँ;
मरने से पहले खुद के लिए जीना चाहती हूँ,
आसमा को छूने से पहले;
जमी को चूमना चाहती हूँ,
समझ सके मुझे कोई;
उससे पहले दुनिया को समझना चाहती हूँ,
चीख मेरी कोई सुने या ना;
लोगो की खामोशी तक को महसूस करना चाहती हूँ,
बदल सके कोई मुझे यह संभव कहाँ;
अबला हूँ यह सोच बदलाना चाहती हूँ,
खुद से बहुत लड़ लिया;
अब खुद के लिये लड़ना सीखना चाहती हूँ।
हाँ, मरने से पहले खुद के लिए जीना चाहती हूँ....
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